Deoghar Fraud: साइबर ठगी के दो मामले, 99 हजार रुपये का नुकसान
देवघर में साइबर ठगी के दो अलग-अलग मामलों ने मचाई सनसनी। इंस्टाग्राम के जरिये एक युवक से 36 हजार और खोए मोबाइल का दुरुपयोग कर शिक्षक के खाते से 63 हजार रुपये की निकासी।
17 नवम्बर, 2024: देवघर जिले में साइबर अपराधियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में जिले के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों से साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं, जिनमें पीड़ितों को कुल 99 हजार रुपये का नुकसान हुआ।
मामला 1: इंस्टाग्राम के जरिए 36 हजार की ठगी
पहला मामला कुंडा थाना क्षेत्र के चरकीपहाड़ी निवासी राजकुमार का है। उन्हें इंस्टाग्राम पर एक संदेश मिला, जिसमें एक आकर्षक ऑफर का जिक्र था। संदेश में लिखा था कि एक सामान भेजा गया है, जिसे एयरपोर्ट पर रिसीव करना होगा। इसके लिए उन्हें पेमेंट स्कैनर के जरिए भुगतान करने को कहा गया।
राजकुमार ने 15 बार में कुल 36 हजार रुपये का भुगतान किया। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने तुरंत साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
मामला 2: खोए मोबाइल से 63 हजार की अवैध निकासी
दूसरा मामला मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के योगीडीह निवासी सहायक शिक्षक दिवाकर प्रसाद राय का है। उनका मोबाइल 5 नवंबर को सिमरगढ़ा के पास खो गया था। उन्होंने इसकी शिकायत मारगोमुंडा थाना में दर्ज कराई थी।
इसके बाद उनके मोबाइल नंबर का दुरुपयोग करते हुए यूपीआई के माध्यम से उनके बैंक खाते से 63,316 रुपये की अवैध निकासी कर ली गई। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने कभी यूपीआई, फोनपे या एटीएम का इस्तेमाल नहीं किया। साइबर थाना पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है।
झारखंड में साइबर अपराध: बढ़ती घटनाएं और चुनौतियां
देवघर समेत झारखंड के कई जिलों में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग तकनीकी साधनों का इस्तेमाल तो कर रहे हैं, लेकिन पर्याप्त जागरूकता की कमी के कारण साइबर अपराधियों के आसान शिकार बन रहे हैं।
2019 में झारखंड पुलिस द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में हर महीने औसतन 300 साइबर अपराध के मामले सामने आते हैं। इनमें ज्यादातर अपराध फिशिंग, यूपीआई फ्रॉड, एटीएम क्लोनिंग और सोशल मीडिया स्कैम से जुड़े होते हैं।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
- किसी भी अनजान संदेश या कॉल पर व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी साझा न करें।
- यूपीआई या किसी अन्य डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म पर अनधिकृत गतिविधियों पर नजर रखें।
- खोए हुए मोबाइल या डिवाइस की तुरंत रिपोर्ट करें और संबंधित बैंक खातों को ब्लॉक कराएं।
- जागरूक रहें और साइबर अपराध से बचाव के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाएं।
साइबर पुलिस की चुनौती
इन दोनों मामलों में पुलिस ने शिकायतें दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, साइबर अपराधियों की लोकेशन और पहचान करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
सतर्कता ही बचाव
साइबर ठगी के मामलों से बचने का सबसे अच्छा तरीका सतर्कता है। तकनीकी युग में जागरूकता और सुरक्षा उपाय अपनाकर ही इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है। पुलिस और प्रशासन को भी इन मामलों पर कड़ी नजर रखनी होगी ताकि अपराधियों को सजा मिले और आम जनता का विश्वास बहाल हो।
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