Delhi NCR Air Polluation: 10 में से 4 परिवार लगातार चिकित्सकीय सलाह लेने को मजबूर, मलबे के ढेर बढ़ा रहे समस्या
दिल्ली-एनसीआर ( Delhi NCR Air Polluation ) में वायु प्रदूषण के कारण हर 10 में से 4 परिवार डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर हैं। प्रदूषण बढ़ने से लोग विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं, मलबे के ढेर स्थिति को और बिगाड़ रहे हैं।
नई दिल्ली, 12 नवंबर। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण ( Delhi NCR Air Polluation) का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे हर 10 में से 4 परिवार डॉक्टरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। ये परिवार पिछले तीन हफ्तों से लगातार दवाइयाँ और इलाज करवा रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कुछ लोगों को सीधे क्लीनिक जाने के बजाय सोशल मीडिया के माध्यम से चिकित्सकीय सलाह लेनी पड़ रही है।
बढ़ते वायु प्रदूषण से बिगड़ता स्वास्थ्य
दीपावली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर समस्या बन गई है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, 47% लोगों ने प्रदूषण से बचने के लिए दवाइयाँ या स्वास्थ्य उपकरण खरीदे हैं। लोकल सर्कल नामक संस्था द्वारा किए गए इस सर्वे में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के 21 हजार लोगों से राय ली गई। सर्वे में पाया गया कि 33% लोग कफ सिरप का इस्तेमाल कर रहे हैं, 20% लोग पैरासिटामोल ले रहे हैं, और कई लोग इनहेलर और नेबुलाइज़र का भी उपयोग कर रहे हैं।
लगातार खराब हो रही वायु गुणवत्ता
दिल्ली की हवा का गुणवत्ता स्तर बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। आज सुबह आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 420, जहांगीरपुरी में 424, ओखला में 301 और मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 254 दर्ज किया गया। पिछले 13 दिनों से दिल्ली का AQI 350 से ऊपर बना हुआ है, जिससे वातावरण में घुटन बढ़ रही है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मलबे के ढेर बढ़ा रहे समस्या
यमुनापार और एनसीआर के विभिन्न इलाकों में सड़क किनारे मलबे के ढेर लगे हुए हैं, जिससे हवा में धूलकण बढ़ गए हैं। कड़कड़ी मोड़, मयूर विहार फेज-तीन, कोटला रोड और गाजीपुर जैसे इलाकों में मलबा पड़ा हुआ है, जिससे आसपास के लोगों को स्वास्थ्य समस्याएँ हो रही हैं। स्थानीय लोग आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और त्वचा संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। कई इलाकों में मलबे की धूल से लोगों को असुविधा हो रही है।
स्थानीय निवासियों की परेशानी
मयूर विहार फेज-तीन के निवासी श्रीनिवास ने बताया कि मलबे के ढेर के कारण लोग मुंह और नाक ढक कर चलने को मजबूर हैं। उनके अनुसार, बेसहारा पशु इन मलबों में खाना तलाशते हुए कचरा फैलाते हैं, जिससे स्वास्थ्य और सफाई दोनों पर नकारात्मक असर पड़ता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मलबा पड़े हुए कई दिनों हो गए हैं, लेकिन नगर निगम ने इसे हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
नगर निगम की प्रतिक्रिया (Delhi NCR Air Polluation )
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए निगम सक्रिय है। मलबे के ढेरों को हटाने के लिए प्रतिदिन पानी का छिड़काव किया जा रहा है, और मलबा हटाने की शिकायत मिलने पर उसे सी एंड डी वेस्ट प्लांट में निस्तारित किया जा रहा है। अधिकारी ने यह भी आश्वासन दिया कि जल्द ही कोटला रोड, मयूर विहार फेज-तीन और अन्य इलाकों से भी मलबा हटाया जाएगा।
प्रदूषण पर नियंत्रण की जरूरत (Delhi NCR Air Polluation)
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण और मलबे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मलबा और धूलकण वायु गुणवत्ता को और खराब कर रहे हैं। इसके चलते न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, बल्कि सामान्य जीवन भी प्रभावित हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम को मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे प्रदूषण की रोकथाम की जा सके और लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार मिले।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। प्रशासन को चाहिए कि प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाए, ताकि जनता को राहत मिल सके और प्रदूषण का स्तर घट सके।
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