Dating Apps Crime : स्कूली बच्चों के हाथ में 'डेटिंग एप्स' का जहर! पुलिस केसों में उजागर हो रहा भयावह सच, सरकार से मांग - बैन करें ऐसे Apps!

जानिए कैसे डेटिंग और गे ऐप्स बना रहे हैं युवाओं को अपराधी? स्कूली बच्चों के फोन में छुपा है 'भविष्य का खतरा', पुलिस केसों ने बताया सनसनीखेज सच!

Jan 29, 2025 - 09:38
Jan 29, 2025 - 09:44
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Dating Apps Crime : स्कूली बच्चों के हाथ में 'डेटिंग एप्स' का जहर! पुलिस केसों में उजागर हो रहा भयावह सच, सरकार से मांग - बैन करें ऐसे Apps!
Dating Apps Crime : स्कूली बच्चों के हाथ में 'डेटिंग एप्स' का जहर! पुलिस केसों में उजागर हो रहा भयावह सच, सरकार से मांग - बैन करें ऐसे Apps!

हाल ही में पुलिस केसों और साइबर अपराधों में एक चौंकाने वाला ट्रेंड सामने आया है। देशभर के स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चे डेटिंग और गे ऐप्स का इस्तेमाल करते हुए अपराधों की दुनिया में फंसते जा रहे हैं। पेरेंट्स, सावधान! आपके बच्चे का फोन उसके भविष्य को निगल सकता है!  

क्या कहते हैं पुलिस केस?

दिल्ली, मुंबई, और बैंगलोर जैसे महानगरों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नाबालिग छात्रों ने डेटिंग ऐप्स के जरिए ब्लैकमेलिंग, फ्रॉड, और यहां तक कि शारीरिक हमले की घटनाओं को अंजाम दिया। एक केस में 15 साल के लड़के ने गे ऐप पर मिले व्यक्ति को ₹2 लाख की रिश्वत देने की कोशिश की!  

मासूम दोस्ती का बहाना, गंदा मकसद!

साइबर एक्सपर्ट राजेश मिश्रा बताते हैं, "ये ऐप्स युवाओं को 'आजादी' का झांसा देकर गलत रास्ते पर धकेल रहे हैं। बच्चे अजनबियों से चैट करते हैं, फिर फोटो-वीडियो शेयर करने के चक्कर में ब्लैकमेल के शिकार हो जाते हैं।"

पेरेंट्स, ये हैं वॉर्निंग साइन्स!

- बच्चा फोन को लेकर गुप्त रहता है।  

- रातों में चैटिंग करता नजर आए।  

- अचानक उसके पास महंगे गिफ्ट्स आने लगें।  

सरकार से गुजारिश: "ऐसे ऐप्स पर लगे बैन!"

समाजसेवी संगठनों और चिंतित अभिभावकों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि "नशीली दवाओं की तरह डेटिंग/गे ऐप्स को भी बैन किया जाए। ये भारत के संस्कार और युवाओं का चरित्र दोनों बर्बाद कर रहे हैं।"

आखिर क्यों जरूरी है ये अलर्ट?

एनसीआरबी डेटा कहता है कि 2023 में साइबर बुलिंग के 60% मामले डेटिंग ऐप्स से जुड़े थे! विशेषज्ञों का मानना है कि "ऐप्स पर उपलब्ध 'ऐज वेरिफिकेशन' सिस्टम फेल है। कोई भी नाबालिग झूठी उम्र डालकर अकाउंट बना सकता है।"

क्या करें पेरेंट्स?

1. बच्चों के फोन पर पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स इंस्टॉल करें।  

2. उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटीज पर नजर रखें।  

3. "दोस्ती" के नाम पर हो रही गलत संगत के संकेतों को नजरअंदाज न करें।  

आपकी एक लापरवाही आपके बच्चे का भविष्य अंधेरे में धकेल सकती है! सरकार से मांग करें — "भारतीय संस्कृति और युवाओं की सुरक्षा के लिए डेटिंग/गे ऐप्स पर रोक लगाई जाए!"

Alert: यह खबर पेरेंट्स और शिक्षकों के लिए एक वेक-अप कॉल है। अगर आपके आसपास भी कोई नाबालिग इन ऐप्स का शिकार हो रहा है, तो तुरंत पुलिस हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें!

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।