Chatra Bribery Case: घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया कंप्यूटर ऑपरेटर, ACB की बड़ी कार्रवाई!
चतरा में एसीबी की बड़ी कार्रवाई! सिमरिया एसडीओ कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर आफताब अंसारी को 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। जानिए पूरा मामला।

चतरा जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। सिमरिया एसडीओ के गोपनीय कार्यालय में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर आफताब अंसारी को ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम ने दस हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। घूसखोरी के इस मामले ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है।
घटना का खुलासा तब हुआ, जब शिला गांव के अनिल कुमार ने ACB को शिकायत दी कि उसके भूमि विवाद के निपटारे के लिए 40 हजार रुपये की मांग की जा रही है। पहले किस्त के तौर पर 10 हजार रुपये लिए जा रहे थे। सत्यापन के बाद ACB ने तुरंत जाल बिछाया और आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर को रंगे हाथ पकड़ लिया।
ACB की इस कार्रवाई के बाद जिलेभर में चर्चा गर्म हो गई है कि क्या सरकारी दफ्तरों में बिना रिश्वत के कोई काम संभव नहीं है?
कैसे हुआ घूसखोर ऑपरेटर का पर्दाफाश?
शिला गांव के अनिल कुमार के भूमि विवाद का मामला एलआरडीसी कार्यालय में लंबित था। आरोप है कि आफताब अंसारी ने फाइल को आगे बढ़ाने और पक्ष में डिसीजन कराने के नाम पर 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। अनिल कुमार को जब इस भ्रष्टाचार की भनक लगी, तो उन्होंने सीधे ACB का दरवाजा खटखटाया।
ACB ने शिकायत मिलने के बाद पूरे मामले का सत्यापन किया। जब घूस लेने की पुष्टि हो गई, तो ऑपरेशन को अंजाम देने की योजना बनाई गई। जैसे ही आफताब अंसारी ने अनिल कुमार से पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपये लिए, ACB की टीम ने उसे एसडीओ सह डीसीएलआर कार्यालय परिसर से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद आफताब अंसारी को हजारीबाग ले जाया गया, जहां उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी क्यों बनी आम बात?
भारत में रिश्वतखोरी कोई नई बात नहीं है। खासकर भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं, लाइसेंस और प्रमाणपत्र से जुड़े मामलों में घूसखोरी की घटनाएं आम हो गई हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल हजारों सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े जाते हैं। लेकिन सजा मिलने की दर बेहद कम है, जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद रहते हैं।
झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में जमीन विवाद से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार ज्यादा देखा जाता है। आम लोगों को अपनी ही जमीन पर मालिकाना हक पाने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है।
ACB की कार्रवाई से मचा हड़कंप, क्या आगे भी होंगे ऐसे ऑपरेशन?
ACB की इस कार्रवाई के बाद चतरा जिले के अन्य सरकारी कार्यालयों में भी भय का माहौल बन गया है। भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी अब ACB के डर से सतर्क हो गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसी तरह रिश्वतखोरी के मामलों में त्वरित कार्रवाई होती रही, तो भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब आम जनता भी डरने की बजाय खुलकर ऐसे मामलों की शिकायत करेगी।
भ्रष्टाचार से बचने के लिए क्या करें?
अगर आप भी किसी सरकारी दफ्तर में रिश्वतखोरी का शिकार हो रहे हैं, तो तुरंत ACB या संबंधित भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों को सूचित करें।
ACB हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करें।
सबूत के तौर पर बातचीत की रिकॉर्डिंग या अन्य दस्तावेज रखें।
घूसखोरी की जानकारी लोकल मीडिया को दें, ताकि दबाव बनाया जा सके।
RTI (सूचना का अधिकार) का इस्तेमाल करें, ताकि आपका काम बिना रिश्वत के हो सके।
आफताब अंसारी की गिरफ्तारी का क्या होगा असर?
आफताब अंसारी की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि अब सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं। ACB की लगातार कार्रवाई से यह संदेश जा रहा है कि जो भी रिश्वत लेगा, वह कानून की गिरफ्त से नहीं बच सकता।
अब देखना यह होगा कि क्या आगे भी ACB इसी तरह भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अभियान चलाएगी, या यह मामला भी अन्य केसों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
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