चाईबासा में खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति की बैठक, 31 जुलाई को सड़क विस्तारीकरण के विरोध में कोल्हान बंद का आह्वान

West Singhbhum के चाईबासा में खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति की बैठक में 31 जुलाई को कोल्हान बंद का आह्वान किया गया। तितिरबिला गांव में सड़क विस्तारीकरण के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए है।

Jul 29, 2024 - 14:09
Jul 29, 2024 - 14:22
चाईबासा में खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति की बैठक, 31 जुलाई को सड़क विस्तारीकरण के विरोध में कोल्हान बंद का आह्वान
चाईबासा में खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति की बैठक, 31 जुलाई को सड़क विस्तारीकरण के विरोध में कोल्हान बंद का आह्वान

West Singhbhum के चाईबासा स्थित ग्रीन होटल के पास खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति सदर अनुमंडल के अध्यक्ष भलबद्र सवैया की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मिलकर आगामी 31 जुलाई को कोल्हान बंद का आह्वान किया। कोल्हान बंद का आयोजन मुख्य रूप से तितिरबिला गांव में सड़क विस्तारीकरण के खिलाफ किया गया है।

तितिरबिला गांव का मुद्दा

तितिरबिला गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन पर सासनदिरी स्थापित है, जो आदिवासी हो उपजातियों की मूल संस्कृति का प्रतीक है। सड़क के निर्माण के कारण इस स्थल का खुदाई हो रही है, जिससे संबंधित परिवारों में बीमारियों और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

समिति के विचार

रैयत संघर्ष समन्वय समिति जगन्नाथपुर अनुमंडल के अध्यक्ष सुमंत ज्योति सिंकु ने बैठक में कहा कि भारत का संविधान सभी जातियों की संस्कृति को संरक्षित रखने का प्रावधान करता है। जब नौकरशाह संविधान का पालन नहीं करते और मनमानी पर उतर आते हैं, तो हमारे पास लोकतांत्रिक मूल्यों के आलोक में विरोध करने का अधिकार है। इसलिए, कोल्हान बंद का आह्वान नौकरशाहों की मनमानी के खिलाफ है, और रैयत संघर्ष समन्वय समिति तथा खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति इसका नैतिक समर्थन करती हैं।

बैठक में उपस्थित लोग

बैठक में खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति के सचिव केदार कालुंडिया, उपाध्यक्ष रमेश चंद्र सवैया, रैयत सत्येन सवैया और सन्नी सिंकु सहित कई महत्वपूर्ण सदस्य उपस्थित थे। सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया कि समाज की संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए इस विरोध को सफल बनाना आवश्यक है।

इस बैठक और आगामी कोल्हान बंद के माध्यम से, ग्रामीण अपनी आवाज़ को उठाकर अपनी संस्कृति और अधिकारों की रक्षा करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन नौकरशाही के अन्याय के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, और सभी ग्रामीण इसको सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Chandna Keshri मैं स्नातक हूं, लिखना मेरा शौक है।