Chaibasa Meeting: चाईबासा में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हुई महत्वपूर्ण बैठक
चाईबासा में जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पोटेंशियल एक्सपोर्ट उत्पादों और स्थानीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सुझाव दिए गए।
चाईबासा, 19 दिसंबर 2024: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय में आयोजित जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समिति की बैठक ने व्यापार और उद्योग जगत को नई दिशा देने का काम किया। जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त के निर्देशानुसार आयोजित इस बैठक में निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई।
इस बैठक में डिप्टी डी.जी.एफ.टी.ए. कोलकाता, एमएसएमई रांची, और जिला उद्योग केंद्र चाईबासा जैसे प्रमुख संस्थानों के अधिकारी उपस्थित थे। इसके साथ ही विभिन्न औद्योगिक संगठनों और चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
वन उत्पादों के निर्यात पर चर्चा
बैठक का मुख्य फोकस स्थानीय स्तर पर उत्पादित वन उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करना था। रेशम, इमली, चिरौंजी, शरीफा और कटहल जैसे उत्पादों को प्रोसेस कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजने की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
औद्योगिक संगठनों के सुझाव:
- स्थानीय स्तर पर रेशम रीलिंग की व्यवस्था।
- वन उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करना।
- पारादीप पोर्ट का उपयोग, जिससे कोलकाता पोर्ट की तुलना में निर्यात प्रक्रिया तेज और आसान होगी।
महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र ने कहा:
"रेशम की रीलिंग की व्यवस्था होने से तसर कृषकों की आय में वृद्धि होगी।"
स्थानीय व्यापारियों के लिए हेल्प डेस्क
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि निर्यात से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक विशेष हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। यह डेस्क व्यापारियों और उद्योगपतियों को निर्यात संबंधी प्रक्रियाओं में सहायता प्रदान करेगी।
Public Help Cell Contact Details:
???? फोन: 06582-256301
???? व्हाट्सएप: 9279452375
इतिहास में चाईबासा का निर्यात योगदान
चाईबासा ने झारखंड के उद्योग और व्यापार जगत में हमेशा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐतिहासिक रूप से, यह क्षेत्र तसर रेशम के लिए जाना जाता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी सराहा गया है। इस बैठक में उस गौरव को फिर से स्थापित करने की योजना बनाई गई।
स्थानीय उद्यमियों को बढ़ावा
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि स्थानीय उद्यमियों और छोटे व्यापारियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए निर्यात-आधारित प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
निर्यात प्रोत्साहन से जुड़ी योजनाएं
- रेशम रीलिंग यूनिट: रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए।
- वन उत्पाद प्रोसेसिंग यूनिट: इमली और कटहल जैसे उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए।
- पारादीप पोर्ट का उपयोग: निर्यात प्रक्रिया को सुगम और किफायती बनाने के लिए।
नागरिकों से अपील
नगर प्रशासन ने सभी नागरिकों और व्यापारियों से आग्रह किया है कि वे निर्यात को बढ़ावा देने में सहयोग करें। सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ उठाएं और चाईबासा को एक निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने में योगदान दें।
क्या यह पहल चाईबासा के व्यापार और उद्योग में नए युग की शुरुआत करेगी?
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये योजनाएं जमीनी स्तर पर कैसे लागू होती हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को कितना लाभ मिलता है।
क्या आप एक व्यापारी हैं?
अगर हां, तो निर्यात संबंधी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अभी संपर्क करें और अपने व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।
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