Chaibasa Celebration: स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर दिलचस्प कार्यक्रम, जानें उनके जीवन की अनसुनी बातें!

आज चाईबासा में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनके जीवन के अद्वितीय योगदान और विचारों पर चर्चा की गई। जानें कैसे स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज को जागरूक किया।

Jan 12, 2025 - 15:08
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Chaibasa Celebration: स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर दिलचस्प कार्यक्रम, जानें उनके जीवन की अनसुनी बातें!
Chaibasa Celebration: स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर दिलचस्प कार्यक्रम, जानें उनके जीवन की अनसुनी बातें!

आज, 12 जनवरी को चाईबासा के रविंद्र भवन में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें स्वामी विवेकानंद के जीवन, उनके विचारों और उनके योगदान पर चर्चा की गई। यह कार्यक्रम न केवल उनकी जयंती के महत्व को उजागर करता है, बल्कि युवाओं को उनके द्वारा दिए गए आदर्शों और प्रेरणाओं से जोड़ता है।

स्वामी विवेकानंद का जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं था। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, और वे भारतीय संत, योगी और महान विचारक के रूप में प्रसिद्ध हुए। उनके विचारों और कार्यों ने न केवल भारतीय समाज को जागृत किया, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और धर्म की महानता को उजागर किया। उनका प्रसिद्ध भाषण, जो उन्होंने 1893 में शिकागो विश्व धर्म महासभा में दिया था, आज भी लोगों के दिलों में गूंजता है। इस भाषण में उन्होंने भारतीय संस्कृति, धर्म और तात्त्विकता के महत्व को विश्वभर में प्रस्तुत किया।

स्वामी विवेकानंद ने जीवन के उद्देश्य को पहचानने और उसे पूरी निष्ठा से जीने का मंत्र दिया। उनका मानना था कि हर व्यक्ति के भीतर अपार शक्ति और क्षमता है, और अगर सही दिशा में कार्य किया जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उनका यह प्रसिद्ध उद्धरण "उठो, जागो और तब तक नहीं रुकना जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए" आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।

स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में समाज सुधारक के रूप में कई अहम कदम उठाए। उनका आदर्श था— "आत्मनिर्भरता" और "सत्य" का पालन करना। उन्होंने भारतीय समाज को अपने भीतर छुपी हुई शक्तियों को पहचानने के लिए प्रेरित किया। यही कारण है कि वे आज भी समाज के विभिन्न वर्गों, खासकर युवाओं के लिए आदर्श बने हुए हैं।

स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति और धर्म को एक नई दिशा दी। उनके योगदान को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके विचारों ने भारतीय समाज में जागरूकता और समृद्धि का सूत्रपात किया। वे रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे और उनके विचारों को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्वामी विवेकानंद का मानना था कि समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से युवाओं, को अपनी शक्ति पहचाननी चाहिए। उन्होंने हमेशा समाज में बदलाव लाने और मानवता की सेवा करने का संदेश दिया। उनका जीवन और उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं।

चाईबासा में इस जयंती के आयोजन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चर्चा की और उनके योगदान को सराहा। स्वामी विवेकानंद के विचारों को युवाओं तक पहुँचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इससे न केवल स्वामी विवेकानंद की विचारधारा को पुनः जागृत किया गया, बल्कि यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का एक सशक्त स्रोत भी बना।

इस कार्यक्रम के दौरान, स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का पालन करने के महत्व को रेखांकित किया गया। उनके जीवन से जुड़ी अनसुनी कहानियों और उनके संघर्षों को साझा किया गया, जिससे सभी ने उनके जीवन को और गहराई से समझा।

स्वामी विवेकानंद का जीवन केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि समाजिक परिवर्तन और विकास के दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उनका संदेश आज भी हर युवा के दिल में गूंजता है और उनके आदर्शों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।

इस जयंती के आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनके विचार आज भी हमारे समाज में प्रासंगिक हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।