Bihar Politics: पटना में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा खत्म, सीट बंटवारे पर RJD-कांग्रेस में खींचतान तेज! क्या होगी डील?
पटना में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का आज समापन हुआ। कांग्रेस ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया, लेकिन पर्दे के पीछे RJD और कांग्रेस में सीट बंटवारे की जंग तेज हो गई है। जानिए कांग्रेस कितनी सीटों पर कर रही है दावा और तेजस्वी यादव का क्या रुख है।
पटना, 31 अगस्त 2025: बिहार की सियासत में सितंबर का महीना बेहद अहम साबित हो रहा है। आज पटना में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का समापन हुआ। राजधानी में कांग्रेस ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं की भीड़ ने पार्टी में नई ऊर्जा भरी। लेकिन, असली लड़ाई सड़क पर नहीं बल्कि सीट बंटवारे की टेबल पर है।
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 70 सीटों पर लड़ने का मौका मिला था। लेकिन पार्टी सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई। इस बार कांग्रेस का दावा है कि वह 70 सीटों पर पक्की दावेदारी करेगी। पार्टी का कहना है कि मौजूदा 19 सीटों के अलावा 51 अन्य सीटों पर भी उसका मजबूत आधार है।
मगर मुश्किल यह है कि महागठबंधन में सबसे बड़ा साथी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) है। लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस को सीट बंटवारे में देरी का नुकसान झेलना पड़ा था। राजद ने कई सीटों पर टिकट पहले ही बांट दिए थे। इससे पप्पू यादव जैसे चेहरे नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतरे। इस बार कांग्रेस पहले से ही साफ कर देना चाहती है कि देरी अब नहीं चलेगी।
कांग्रेस ने उम्मीदवारों के चयन में इस बार टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। पार्टी ने सभी 243 सीटों के लिए QR कोड के जरिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए हैं। उम्मीदवारों के लिए छह मापदंड तय किए गए हैं, जिनमें जमीनी उपस्थिति, सोशल मीडिया प्रभाव और संगठन में सक्रियता भी शामिल है। आवेदन प्रक्रिया 12 मई से शुरू हुई और अब तक बड़ी संख्या में पुराने विधायक और पदाधिकारी आवेदन कर चुके हैं।
उधर, वामपंथी दलों ने भी राहुल गांधी की यात्रा में भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखा दी है। माना जा रहा है कि लेफ्ट पार्टियों की डील राजद से लगभग तय है। ऐसे में कांग्रेस के लिए स्थिति और पेचीदा हो गई है। कांग्रेस महागठबंधन में सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहती है।
यह भी याद रखना होगा कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी, तब कांग्रेस को एक अतिरिक्त मंत्री पद दिलाने के लिए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को कई बार तेजस्वी यादव के दरबार में जाना पड़ा था।
कुल मिलाकर, पटना में वोटर अधिकार यात्रा का समापन कांग्रेस के लिए कार्यकर्ताओं की ताकत दिखाने का मौका रहा। लेकिन पर्दे के पीछे असली कसौटी सीट बंटवारे की डील है। राहुल गांधी के शक्ति प्रदर्शन से कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, ताकि इस बार सीटों का गणित उसके पक्ष में लिखा जा सके।
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