भाई-बहन का रिश्ता - डॉ ऋषिका वर्मा
भाई-बहन का रिश्ता होता है अनमोल, चुका कोई नहीं सकता कोई इसका मोल।
भाई-बहन का रिश्ता
भाई-बहन का रिश्ता होता है अनमोल,
चुका कोई नहीं सकता कोई इसका मोल।
लाख लड़ाई-झगड़ा कर ले दोनों,
फिर भी प्यार होता नहीं खत्म।
एक-दूसरे का ख्याल और परवाह,
जलन और ईर्ष्या भी है इस रिश्ते में।
बहन जब दूर जाती है अपने भाइयों से,
भाई को एहमियत पता चलती है बहन की।
दूर होकर भी बहन के दिल में हमेशा,
रहता है भाई के लिए प्यार हर पल।
भाई भी फर्ज़ निभाता है अपना,
बहन जहां भी हो मिलने जाता है उससे।
रिश्ता ऐसा ही तो होता है भाई-बहन का,
मिलते है तो याद आ जाता है बचपन का।
भाई-दूज, रक्षा-बंधन का त्योहार गवाह है,
अटूट बंधन और पवित्र रिश्ते का,|
भगवान हर बहन को भाई और
हर भाई को बन का प्यार दे।
यू ही भाई बहन भाई दूज पर,
मिलते रहे और रिश्ते निभाते रहे।
स्वरचित कविता
डॉ ऋषिका वर्मा
गढ़वाल उत्तराखंड
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