Baharagora Attack: पागल कुत्ते के कहर से 21 लोग घायल, इलाके में दहशत
बहरागोड़ा बाजार में पागल कुत्ते ने 21 लोगों को काटकर घायल कर दिया। जानें कैसे फैली दहशत और क्या हैं प्रशासन के कदम।
बहरागोड़ा, 22 नवंबर: झारखंड के बहरागोड़ा बाजार क्षेत्र में एक पागल कुत्ते का आतंक छाया हुआ है। बीते शुक्रवार दोपहर तक इस कुत्ते ने इलाके में 21 लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायलों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। इस घटना ने बाजार क्षेत्र में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
कुत्ते के हमले से पूरा इलाका दहशत में
घटना के बाद से बहरागोड़ा बाजार क्षेत्र के लोग सड़कों पर निकलने से डर रहे हैं। हमले का सिलसिला गुरुवार रात से शुरू हुआ, जब बाजार क्षेत्र में एक पागल कुत्ते ने पैदल चल रहे लोगों को निशाना बनाना शुरू किया। शुक्रवार दोपहर तक यह सिलसिला जारी रहा।
घायलों की सूची और इलाज
कुत्ते के हमले में घायल लोगों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। सभी को एंटी रेबीज वैक्सीन दिया गया।
घायलों में प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- पदम बहादुर
- पार्वती बेहरा
- अभिजीत पाल
- देवाशीष गिरी
- रमा राणा
- संजय महाकुड़
- मोहिनी नायक
- मलय धाउड़िया
- देवदत्त बेरा
- संजीव बेहरा
- सानू साहू
- जितेन नायक
- आशु मुर्मू
- नेहाराम नायक
- रतन गिरी
- अधर घोष
- जयंत साहू
- दीपा माझी
- लिशा रानी महतो
- तपन मुर्मू
- रामू मानकी
सभी घायलों का इलाज स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। डॉक्टरों ने रेबीज के खतरे को देखते हुए घायलों को नियमित निगरानी में रखने का सुझाव दिया है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका
घटना के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गए हैं। क्षेत्र में पागल कुत्तों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है।
- पशु नियंत्रण विभाग को पागल कुत्ते को पकड़ने और सुरक्षित स्थान पर ले जाने के निर्देश दिए गए हैं।
- इलाके में कुत्तों के टीकाकरण अभियान की शुरुआत जल्द की जाएगी।
रेबीज और उसका खतरा
रेबीज एक घातक बीमारी है, जो पागल कुत्ते के काटने से इंसान में फैल सकती है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।
- रेबीज के लक्षण: बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और पानी से डर लगना।
- बचाव: समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन लेना और कुत्ते के काटने वाले स्थान को साफ करना जरूरी है।
इतिहास में ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब पागल कुत्तों ने झारखंड में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है।
- 2018 में धनबाद में भी एक पागल कुत्ते ने 10 से अधिक लोगों को घायल कर दिया था।
- 2020 में रांची के एक इलाके में इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां कुत्तों के हमले ने लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया था।
स्थानीय लोगों की मांग
बहरागोड़ा के निवासियों ने प्रशासन से कुत्तों की बढ़ती समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है।
- सुरक्षा उपाय: सड़कों पर पागल कुत्तों को रोकने के लिए अभियान चलाने की अपील की गई है।
- टीकाकरण अभियान: बेजुबान जानवरों के लिए नियमित टीकाकरण की मांग की गई है।
आपकी सुरक्षा के लिए टिप्स
- सावधानी बरतें: पैदल चलते समय सतर्क रहें।
- संपर्क करें: अगर पागल कुत्ता दिखे, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
- इलाज में देरी न करें: कुत्ते के काटने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बहरागोड़ा में पागल कुत्ते की घटना ने सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को फिर से उजागर कर दिया है। यह घटना बताती है कि समय पर कदम उठाकर हम ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं। आपकी क्या राय है? क्या प्रशासन को पालतू और आवारा कुत्तों के लिए सख्त नियम लागू करने चाहिए? नीचे कमेंट करें।
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