Gamharia Godown Fire : गम्हरिया गोदाम में फिर उठा धुआं, AGM और ट्रांसपोर्टर की मौत के बावजूद एक हफ्ते तक गोदाम को सील क्यों नहीं किया गया

क्या आप जानते हैं कि सरायकेला के गम्हरिया स्थित सरकारी गोदाम में एक हफ्ते पहले आग लगने के बावजूद भी बुधवार को दोबारा धुआं क्यों उठने लगा? एजीएम अभिषेक हाजरा और ट्रांसपोर्टर राजू सेनापति की मौत के बाद भी प्रशासन ने गोदाम को सील क्यों नहीं किया? प्रशासनिक जांच टीम ने मियाद पूरी होने के बाद भी अपनी रिपोर्ट क्यों नहीं सौंपी? पूरी जानकारी पढ़ें!

Nov 5, 2025 - 14:15
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Gamharia Godown Fire : गम्हरिया गोदाम में फिर उठा धुआं, AGM और ट्रांसपोर्टर की मौत के बावजूद एक हफ्ते तक गोदाम को सील क्यों नहीं किया गया
Gamharia Godown Fire : गम्हरिया गोदाम में फिर उठा धुआं, AGM और ट्रांसपोर्टर की मौत के बावजूद एक हफ्ते तक गोदाम को सील क्यों नहीं किया गया

सरायकेला, 5 नवंबर 2025 – झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया स्थित सरकारी गोदाम में एक हफ्ते पूर्व लगी आग ने एजीएम अभिषेक हाजरा और डीएसडी ट्रांसपोर्टर राजू सेनापति को लील लिया, लेकिन आग की यह खौफनाक चिंगारी अभी भी पूरी तरह से बुझी नहीं है। बुधवार को एक बार फिर से गोदाम से निकलते धुएं ने प्रशासन के लापरवाह रवैये और जांच में हो रही असामान्य देरी को उजागर कर दिया है। यह स्थिति न सिर्फ बाकी बचे सरकारी अनाज की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि दो लोगों की दर्दनाक मौत के बाद भी प्रशासनिक कार्रवाई की सुस्त रफ्तार को भी दर्शित करती है।

मौत के एक हफ्ते बाद भी नहीं हुआ सील: दोबारा धुआं क्यों उठा

दो लोगों की जान लेने वाली भीषण आग लगने के बावजूद, घटना के एक हफ्ते बाद तक गोदाम को सील नहीं किया गया था।

  • लापरवाही की हद: यह सबसे बड़ा प्रशासनिक सवाल है कि दो व्यक्तियों की मृत्यु के बावजूद भी घटनास्थल को इतने दिनों तक सील क्यों नहीं किया गया और ही बचे हुए अनाजों को सुरक्षित करने का कोई ठोस कदम उठाया गया।

  • फिर उठा धुआं: बुधवार को जब प्रभारी एमओ सुनील कुमार चौधरी गोदाम को सील करने पहुंचे, तो उन्हें अनाज के ढेर से धुंआ उठता हुआ दिखाई दिया।

  • दमकल की कार्रवाई: एमओ ने तुरंत दमकल को सूचना दी। सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने एक बार फिर से पानी का छिड़काव करके संभावित बड़ा आग का खतरा टाल दिया।

न्याय का इंतजार: जांच रिपोर्ट में देरी और परिवारों का दर्द

इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासनिक सुस्ती और जांच में हो रही देरी ने कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • रिपोर्ट में देरी: गोदाम में लगी आग की जांच के लिए गठित प्रशासनिक जांच टीम ने अपनी मियाद पूरी होने के बावजूद भी अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है।

  • परिवारों का दर्द: उधर, आग से झुलसे डीएसडी ठेकेदार राजू सेनापति के चिंता की आग ठंडी हो चुकी है। वहीं एजीएम अभिषेक हाजरा के शव को बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।

दो जिंदगियां चली गईं, लेकिन गोदाम में अभी भी आग की चिंगारी सुलग रही है, जो प्रशासन के कार्यशैली और जांच की पारदर्शिता पर एक गंभीर सवालिया निशान लगाती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस ताजा घटना के बाद कितनी तत्परता दिखाता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।