बाबर खान ने मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन में शामिल होकर उठाई अल्पसंख्यकों की आवाज़
जमशेदपुर में बाबर खान ने मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन में शामिल होकर अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं पर ध्यान देने की मांग की। जानें पूरी खबर।
4 अक्टूबर 2024 को, जमशेदपुर के आजाद नगर बागे अहमद हॉल में बाबर खान ने मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) का दामन थामा। इस मौके पर मस्जिद के प्रदेश अध्यक्ष जनाब मोहम्मद शाकिर, जिला अध्यक्ष सालिक जावेद, फकरुद्दीन अंसारी और कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बाबर खान ने इस सभा को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं पर चर्चा की।
बाबर खान ने कहा कि भारत में वर्तमान सेकुलर सरकार में भी अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुसलमान, सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सेकुलर सरकार को बनाने में अल्पसंख्यक समुदाय का वोट महत्वपूर्ण होता है। इसके बावजूद, सरकार की उदासीनता के कारण अल्पसंख्यक समुदाय हताश और निराश हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मॉब लिंचिंग जैसे गंभीर मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है। बाबर खान ने कहा कि सरकार को अल्पसंख्यक लोगों की मांगों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने उच्च अधिकारियों को लगातार सूचित किया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इसलिए, असदुद्दीन ओवैसी की नीतियों को अपनाते हुए, बाबर खान ने मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन में शामिल होने का निर्णय लिया। सभा में मौजूद अन्य नेताओं ने भी बाबर खान के विचारों का समर्थन किया।
सभा में कई प्रमुख लोग मौजूद थे, जैसे आफताब खान, मोहम्मद मुकद्दर, शफीक अहमद, सलमान ख़ान, हाजी अब्दुल लतीफ अंसारी और सलीम खान। अंत में, धन्यवादी ज्ञापन फकरुद्दीन अंसारी ने प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज़ को सुना जाना चाहिए। बाबर खान ने विश्वास जताया कि वह मजलिस के माध्यम से इस मुद्दे को और भी मजबूती से उठाएंगे। सभी ने एकजुट होकर अल्पसंख्यक समुदाय के हक़ों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया।
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