अस्तित्व के लिए संघर्ष करती स्त्री - डॉ ऋषिका वर्मा,  श्रीनगर, उत्तराखण्ड

अपने अस्तित्त्व के लिए लड़ती स्त्री  खुद के लिए जीना आसान नहीं होता, करना पड़ता है बहुत कुछ बलिदान।......

Aug 27, 2024 - 13:00
Aug 27, 2024 - 13:04
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अस्तित्व के लिए संघर्ष करती स्त्री - डॉ ऋषिका वर्मा,  श्रीनगर, उत्तराखण्ड
अस्तित्व के लिए संघर्ष करती स्त्री - डॉ ऋषिका वर्मा,  श्रीनगर, उत्तराखण्ड

अस्तित्व के लिए संघर्ष करती स्त्री 

अपने अस्तित्त्व के लिए लड़ती स्त्री 
खुद के लिए जीना आसान नहीं होता,
करना पड़ता है बहुत कुछ बलिदान। 
तब जाकर खुद के अस्तित्व से मिलन हो पता है। 

आपके अपने आपसे दूर होने लगते हैं। 
आपका रहन-सहन, आपकी स्थिति से लोग जलाने लगते है। 
देते हैं लोग रीति-रिवाजो के हिसाब से चलने की दुहाई,
करनी पड़ती है हर किसी से अपने लिए लड़ाई। 

माँ-बाप भी समझना बंद कर देते है। 
रिश्तेदार भी ताने देना शुरू कर देते है। 
आपके दोस्त आपसे किनारा कर लेते है। 
आप धीरे-धीरे अकेले पड़ जाते है। 

क्या इतना मुश्किल हो जाता है खुद के लिए जीना?
क्या एक स्त्री का अपना कोई अस्तित्त्व नहीं होता?
माँ, बहन, पत्नी, ननद, भाभी बनकर जीवन गुजार देती है स्त्री। 
क्यों अपने लिए नहीं जी पति है स्त्री। 

लड़ लेती है वह समाज से,
नहीं लड़ पति है वह अपने परिवार से। 
हार जाती है वह समाज की बन्दिशों से,
नहीं जी पाती वो खुलकर कभी, अपने हिसाब से। 

मंजिल दूर है अभी बहुत दूर तक जाना है,
अपने लिए और समाज के लिए कुछ कर दिखाना है। 
इन बेड़ियों को तोड़ना होगा, अब इन्हें भी आगे निकालना होगा। 
बदलेगी सोच भी समाज की और देगा साथ परिवार भी।
कुछ हिम्मत तुम्हें भी दिखाना होगा।
स्त्री तुम्हें अब आगे बढ़ते जाता होगा।

डॉ ऋषिका वर्मा 
श्रीनगर उत्तराखण्ड

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।