21वीं सदी में भूत भगाने का अनोखा तरीका! क्या अंधविश्वास के आगे विज्ञान की कोई जगह नहीं?
मुर्शिदाबाद के बहरमपुर में एक महिला को भूत भगाने के नाम पर जूता मुंह में रखकर सरेआम सड़कों पर घुमाया गया। यह घटना अंधविश्वास के खिलाफ एक कड़ा संदेश देती है। 21वीं सदी में भी ऐसा क्यों हो रहा है?
भारत, जहां एक ओर हम चांद पर कदम रख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अंधविश्वास के चलते ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो हमें सदियों पीछे धकेल देती हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से आई एक चौंकाने वाली खबर में, एक महिला को भूत भगाने के नाम पर सरेआम सड़कों पर जूता मुंह में रखकर घुमाया गया। यह घटना मुर्शिदाबाद के बहरमपुर इलाके की है, जहां अंधविश्वास ने विज्ञान और तर्क को पीछे छोड़ दिया।
ओझा की सलाह पर किया गया अमानवीय व्यवहार
बहरमपुर थाने के चुआपुर सुकांत पल्ली की रहने वाली इस महिला का पिछले कुछ दिनों से व्यवहार असामान्य था। परिवार के लोग परेशान होकर एक ओझा के पास पहुंचे। ओझा ने दावा किया कि महिला पर भूत का साया है, और इसे भगाने के लिए उसे जूता मुंह में रखकर सार्वजनिक रूप से घुमाना पड़ेगा। बिना किसी वैज्ञानिक सलाह के, परिवार के लोगों ने ओझा की बातों पर यकीन कर महिला के मुंह में जूता रखकर उसे बहरमपुर की सड़कों पर घुमाया।
पुलिस और डॉक्टरों की हस्तक्षेप से बची महिला
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को इस अमानवीय व्यवहार से बचाया। बहरमपुर थाने के पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना पूरी तरह से अंधविश्वास के कारण हुई है। पुलिस ने महिला को तुरंत मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
अंधविश्वास पर कब लगेगी लगाम?
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या हम वास्तव में 21वीं सदी में जी रहे हैं? जबकि विज्ञान और तकनीक ने इतनी तरक्की कर ली है, ऐसे में अंधविश्वास के चलते किसी महिला के साथ इस तरह का बर्ताव करना समाज के लिए एक कड़ा संदेश है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज भी कुछ लोग तर्क और विज्ञान के बजाय अंधविश्वास को ही अपना मार्गदर्शक मानते हैं?
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