पति पर हाथ उठाना पड़ा भारी, भरी पंचायत में सिर मुंडवाया, क्या ऐसी सजा जायज़ है?
ओडिशा के झारसुगुड़ा स्थित जाममाल पंचायत में पति पर हाथ उठाने की सजा के तौर पर एक महिला का सिर मुंडवा दिया गया। इस घटना ने समाज में न्याय के पारंपरिक तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ओडिशा के झारसुगुड़ा स्थित जाममाल पंचायत में एक महिला के पति पर हाथ उठाने की घटना ने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया। इस अजीबोगरीब मामले में, पंचों ने इसे अक्षम्य अपराध मानते हुए महिला का भरी पंचायत में सिर मुंडवा दिया। इतना ही नहीं, समाज से बहिष्कृत होने के डर से महिला को पूरे गांव को मांस का भोज भी देना पड़ा।
पति की शिकायत ने बदल दी जिंदगी
घटना 8 अगस्त की है, जब किसी बात पर महिला और उसके पति महेंद्र किसान के बीच झगड़ा हो गया। गुस्से में आकर महिला ने अपने पति पर हाथ उठा दिया। इस घटना से नाराज़ पति महेंद्र ने इसे समाज के सामने रख दिया। 9 अगस्त को समाज के तथाकथित गणमान्य लोगों और पंचों की बैठक हुई, जिसमें महिला के लिए सजा तय की गई। समाज के प्रमुख नवीन पिंग, पवित्र पिंग और शत्रुघ्न किसान के सामने सुशांत किसान ने भरी पंचायत में महिला का सिर मुंडवा दिया।
पुत्र की शिकायत से मिली न्याय की उम्मीद
इस घटना की जानकारी जब महिला के तमिलनाडु में रहने वाले पुत्र को मिली, तो वह तुरंत अपने गांव लौटा और लैयकरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला के पति महेंद्र किसान, नवीन पिंग, शत्रुघ्न किसान और सुशांत पिंग को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है कि क्या इस तरह की सजा देना सही है?
क्या इस तरह के पारंपरिक न्याय की आज भी जरूरत है?
इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इस तरह की पंचायतें आज भी समाज में न्याय देने के लिए उपयुक्त हैं? महिला के साथ इस तरह का व्यवहार उसकी गरिमा के खिलाफ है, और इसे लेकर समाज में गहरा आक्रोश है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि आज भी कुछ समाजों में पारंपरिक नियम-कानूनों का पालन किया जा रहा है, जिनमें महिलाओं के साथ भेदभाव और अन्याय की घटनाएं होती रहती हैं।
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