Adityapur Suicide: पैसे की तंगी से टूटा 24 साल का ऑटो चालक, इलाके में छाया मातम

आदित्यपुर में 24 वर्षीय ऑटो चालक आशुतोष कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आर्थिक तंगी, पारिवारिक तनाव और बेरोजगारी की मार ने इलाके में बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Sep 24, 2025 - 14:03
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Adityapur Suicide: पैसे की तंगी से टूटा 24 साल का ऑटो चालक, इलाके में छाया मातम
Adityapur Suicide: पैसे की तंगी से टूटा 24 साल का ऑटो चालक, इलाके में छाया मातम

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर से एक दर्दनाक खबर ने पूरे इलाके को हिला दिया है। आरआईटी थाना क्षेत्र के रोड नंबर 2 निवासी 24 वर्षीय आशुतोष कुमार, जो पेशे से ऑटो चालक था, ने अपने ही कमरे में फांसी लगाकर जिंदगी खत्म कर ली। बुधवार सुबह हुई इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया।

सुबह की शुरुआत सामान्य थी। आशुतोष ने अपनी बहन निधि कुमारी से गाड़ी की मरम्मत कराने के लिए पैसे मांगे। लेकिन जब बहन ने पैसे देने से मना कर दिया, तो वह गुस्से में कमरे की ओर चला गया। किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ ही देर में यह गुस्सा स्थायी खामोशी में बदल जाएगा।

परिजनों ने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो सामने का दृश्य हर किसी को अंदर तक हिला देने वाला था—आशुतोष पंखे से लटका हुआ मिला। तुरंत दोस्तों और परिवार ने उसे उतारा और एमजीएम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

इलाके में मातमी सन्नाटा

खबर फैलते ही आदित्यपुर और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई। परिजन रो-रोकर बेहाल थे और पड़ोसियों की आंखों में भी आंसू थे। आरआईटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि आशुतोष मेहनती और शांत स्वभाव का लड़का था। वह दिन-रात ऑटो चलाकर परिवार का पेट पालता था, लेकिन आर्थिक तंगी अक्सर उसके चेहरे पर साफ दिखाई देती थी।

क्या आर्थिक तंगी बनी मौत की वजह?

परिवार और पड़ोसियों की मानें तो आशुतोष पिछले कुछ महीनों से पैसों की कमी से परेशान था। अक्सर वह गाड़ी की मरम्मत, ईंधन और घर के खर्चों को लेकर दबाव झेलता था। सवाल यह उठ रहा है कि क्या महज पैसों की तंगी ने उसकी जान ले ली, या इसके पीछे और भी कोई गहरी वजह छिपी है? पुलिस का कहना है कि फिलहाल यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान ही सच्चाई सामने लाएंगे।

झारखंड में बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं

यह घटना कोई अकेली नहीं है। अगर झारखंड के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक तंगी, बेरोजगारी और पारिवारिक कलह के चलते आत्महत्या के मामलों में इजाफा हुआ है। खासकर जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाजी वर्ग के लोग मानसिक दबाव से जूझते नजर आते हैं।

इतिहास गवाह है कि आदित्यपुर-टेल्को बेल्ट कभी मजदूरों और कामगारों का मजबूत गढ़ माना जाता था। 90 के दशक तक यहां रोजगार के कई साधन थे, लेकिन धीरे-धीरे निजीकरण और इंडस्ट्रीज़ के सिकुड़ने से मजदूर वर्ग पर संकट गहराने लगा। नतीजा—आज कई परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और कई युवा अवसाद का शिकार हो रहे हैं।

सवाल खड़े करती यह मौत

आशुतोष की मौत समाज और प्रशासन दोनों के सामने बड़े सवाल खड़े करती है। क्या हमारे सिस्टम में मजदूर और कामकाजी वर्ग के लिए कोई मजबूत सुरक्षा जाल है? क्या हम मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अब भी गंभीर नहीं हो पाए हैं? और क्या महज 24 साल की उम्र में एक ऑटो चालक को इतना मजबूर होना चाहिए कि वह अपनी जान दे दे?

लोगों की अपील

इलाके के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गरीब और मजदूर वर्ग के लिए आर्थिक सहायता और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श की व्यवस्था की जाए। साथ ही, ऐसे परिवारों की पहचान कर उन्हें तुरंत मदद पहुंचाई जाए ताकि आगे और किसी आशुतोष को अपनी जिंदगी यूं ही खत्म न करनी पड़े।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।