आदिकाल के इंजीनियर, बाबा विश्वकर्मा - धर्मबीर सिंह, जमशेदपुर

आदिकाल के महाज्ञानी, सृष्टि के शिल्पकार, बाबा विश्वकर्मा जी, रचे संसार अपार। अस्त्रों के निर्माता, नगर-नगरी के स्वामी, हर शिल्प में छुपा, उनका ज्ञान अविरामी।.....

Sep 17, 2024 - 01:06
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आदिकाल के इंजीनियर, बाबा विश्वकर्मा - धर्मबीर सिंह, जमशेदपुर
आदिकाल के इंजीनियर, बाबा विश्वकर्मा - धर्मबीर सिंह, जमशेदपुर

आदिकाल के इंजीनियर, बाबा विश्वकर्मा

आदिकाल के महाज्ञानी, सृष्टि के शिल्पकार,
बाबा विश्वकर्मा जी, रचे संसार अपार।
अस्त्रों के निर्माता, नगर-नगरी के स्वामी,
हर शिल्प में छुपा, उनका ज्ञान अविरामी।

स्वर्ण रथ से सजी हुई, उनकी कारीगरी महान,
देवों के भवन, यज्ञशाला, दी उनका वरदान।
विष्णु का सुदर्शन चक्र, शिव का त्रिशूल धार,
बाबा की कारीगरी का, जग में ऊँचा आभार।

हर युग में उन्होंने, दिया सबको नव रूप,
देवता, दानव, मानव, सभी ने पाया सुख-रूप।
निर्माण की विधि से सजी, उनकी कला अलौकिक,
बाबा के आशीर्वाद से, हर शिल्प हुआ शाश्वतिक।

हम श्रद्धा से नमन करें, बाबा के चरणों में,
विश्वकर्मा जयंती पर, दिल झुके उनके स्मरणों में।
उनके आदर्शों से बने, जीवन के हर आयाम,
आओ मिलकर गाएँ हम, बाबा के यशगान।

स्वरचित : 
धर्मबीर सिंह,
जमशेदपुर , झारखंड

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।