आ बह चलूँ आग की दरिया में - मनोज कुमार, गोण्डा ,उत्तर प्रदेश

आ बह चलूँ आग की दरिया में - मनोज कुमार, गोण्डा ,उत्तर प्रदेश

Jul 12, 2024 - 11:31
Jul 13, 2024 - 14:35
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आ बह चलूँ आग की दरिया में  - मनोज कुमार, गोण्डा ,उत्तर प्रदेश
आ बह चलूँ आग की दरिया में - मनोज कुमार, गोण्डा ,उत्तर प्रदेश

आ बह चलूँ आग की दरिया में 


आ बदल दे जीने के कोई तरीके
ला ऐसा मोड़, जहाँ दो हो साथ में
मैं चलूँ पीछे- पीछे दाएँ - बाएँ
तू भी चले साथ मेरे जज़्बात में
आ बह चलूँ
आग की दरिया में
मजनूँ भी बहे कभी
लैला के साथ में

अगर है मुझसे मोहब्बत,
तो सहला कभी हँसी वसी
अगर है पाने की आरजू कभी
तो रख दिल पे हाथ अभी - अभी
आ ऐसे खेल - खेल में रहें खास में
आ बह चलूँ
आग की दरिया में
मजनूँ भी बहे कभी
लैला के साथ में

अगर जीने के हक है, तो तोड़ जंजीरे इश्क के
बहाने कभी तू भी छोड़, आ सीख दे
मरना तो है एक दिन क्यूँ घबराए मौत से
अगर है सच इरादा तो आ भीख दे
छोड़ना ये कभी, हो गए जो साथ में
आ बह चलूँ
आग की दरिया में
मजनूँ भी बहे कभी
लैला के साथ में

 मनोज कुमार
गोण्डा ,उत्तर प्रदेश

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