Delhi-Air-Pollution : दमघोंटू प्रदूषण से बेहाल दिल्ली-NCR, AQI रेड जोन में, पाबंदियों का उल्लंघन जारी

दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण ने दमघोंटू हालात पैदा कर दिए हैं। शहर में AQI रेड जोन में पहुंचने से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं, लेकिन पाबंदियों का उल्लंघन बदस्तूर जारी है। जानिए दिल्ली के किस इलाके में कितनी जहरीली है हवा।

Nov 13, 2024 - 09:20
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Delhi-Air-Pollution :  दमघोंटू प्रदूषण से बेहाल दिल्ली-NCR, AQI रेड जोन में, पाबंदियों का उल्लंघन जारी
Delhi-Air-Pollution : दमघोंटू प्रदूषण से बेहाल दिल्ली-NCR, AQI रेड जोन में, पाबंदियों का उल्लंघन जारी

नई दिल्ली, 13 नवंबर 2024 – पिछले दो हफ्तों से प्रदूषण की चपेट में आए दिल्ली-NCR के निवासियों के लिए हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं। बुधवार की सुबह राजधानी के कई इलाके रेड जोन में दर्ज किए गए, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। इनमें जहांगीरपुरी का AQI 999 और श्रीनिवासपुरी का 826 तक पहुंच गया, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है।

खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिल्ली का एक्यूआई

AQI (Air Quality Index) के मानकों के अनुसार, 100 से कम AQI को "अच्छा", 100-200 "मध्यम", और 300 से ऊपर "बहुत खराब" माना जाता है। दिल्ली और NCR के कुछ इलाकों में यह स्तर बेहद खतरनाक "रेड जोन" में पहुंच गया है। जहांगीरपुरी, ओखला, आनंद विहार, पंजाबी बाग जैसे इलाकों में प्रदूषण का स्तर 700 से ऊपर है। इस खतरनाक हवा के कारण सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, गले में खराश और सांस के मरीजों की तकलीफें बढ़ गई हैं।

वायु गुणवत्ता में दिख रहा उतार-चढ़ाव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली का समग्र AQI 334 दर्ज किया गया, जो सोमवार को 352 था। हालांकि इसमें 18 अंकों की गिरावट देखी गई है, फिर भी यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले छह दिनों तक हवा की गति धीमी रहेगी, जिससे प्रदूषण का स्तर कम होने की संभावना बेहद कम है। हवा की धीमी गति के चलते प्रदूषक तत्व वातावरण में लंबे समय तक बने रहेंगे, जिससे लोगों को राहत मिलने के आसार कम हैं।

एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास और उनकी असफलता

एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए अक्टूबर के मध्य से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण को लागू किया गया था। इसके बावजूद अधिकारी इसे सही तरीके से लागू करवाने में असफल रहे। 22 अक्टूबर से GRAP का दूसरा चरण भी लागू कर दिया गया, लेकिन अब भी धूल, पुराने वाहन और कूड़ा जलाने की घटनाएं लगातार देखने को मिल रही हैं।

इसके बावजूद प्रशासन ने पिछले 15 दिनों में किसी भी प्रदूषण फैलाने वाले पर कोई जुर्माना नहीं लगाया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए नियम तो लागू कर दिए गए, लेकिन सड़कों पर उड़ती धूल, कूड़ा जलाने और प्रदूषित वाहनों के संचालन पर नियंत्रण का अभाव बना हुआ है।

गाजियाबाद और अन्य NCR शहरों में स्थिति

दिल्ली के अलावा गाजियाबाद भी प्रदूषण से प्रभावित है। पिछले 16 दिनों से गाजियाबाद की हवा 'खराब' से लेकर 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। वसुंधरा क्षेत्र का AQI 311 और लोनी, इंदिरापुरम एवं संजय नगर का AQI 300 से ऊपर है। धुंध की चादर और जहरीली हवा से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, और सांस के मरीजों के लिए यह स्थिति और भी घातक साबित हो रही है।

स्वास्थ्य संकट और प्रदूषण नियंत्रण की नाकामी

प्रदूषण नियंत्रण की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं। दिल्ली और NCR में दमघोंटू प्रदूषण का मुख्य कारण निर्माण स्थलों की धूल, पुराने वाहन, और खुले में कचरा जलाने की घटनाएं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक प्रशासन इन पर सख्ती से रोक नहीं लगाता, तब तक लोगों को राहत नहीं मिलेगी।

दिल्ली और NCR के लोग इस समय बेहद खराब हालात से गुजर रहे हैं। यदि पाबंदियों का सही से पालन किया जाए और प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कार्रवाई की जाए, तो आने वाले समय में ही कुछ राहत मिल सकती है।

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