Bihar Election 2025 Latest News : NDA को बड़ा झटका! जदयू की पूरी औरंगाबाद जिला कमेटी ने दिया सामूहिक इस्तीफा, रफीगंज सीट पर टिकट गलत दावा पूर्व विधायक
क्या जदयू में टिकट बंटवारे को लेकर विद्रोह फूटा? औरंगाबाद जिला कमेटी के सामूहिक इस्तीफे के बाद पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने उठाए गंभीर आरोप, जानें पूरा मामला।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले NDA घटक दल जनता दल (यूनाइटेड) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की पूरी औरंगाबाद जिला कमेटी ने सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस कदम से जिले भर में जदयू संगठन में हड़कंप मच गया है।
रफीगंज सीट पर टिकट को लेकर भड़का विवाद
इस्तीफे के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने रविवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि रफीगंज विधानसभा सीट से पार्टी ने जिस व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है, वह जदयू का प्राथमिक सदस्य तक नहीं है।
अशोक कुमार सिंह ने कहा, "अगर पार्टी जदयू के किसी पुराने नेता को या एनडीए के किसी घटक दल के नेता को टिकट देती, तो कार्यकर्ताओं को कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं। इसी कारण मेरे समेत पूरी जिला कमिटी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।"
"जिसने झंडा फूंका, वही प्रत्याशी बन गया"
अशोक सिंह ने बिना नाम लिए रफीगंज से जदयू प्रत्याशी पर निशाना साधते हुए कहा, "जिस व्यक्ति ने पार्टी का झंडा फूंका, नीतीश कुमार को गाली दी, वही आज प्रत्याशी बना दिया गया। यह कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रत्याशी बनने के बाद वह व्यक्ति सामान्य शिष्टाचार तक भूल गए और जिला अध्यक्ष होने के नाते कम से कम फोन पर बात करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
"शमशान घाट तक नीतीश कुमार के साथ"
अशोक सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं। उन्होंने कहा, "मैं आज भी उस वचन पर कायम हूं और शमशान घाट तक नीतीश कुमार के साथ रहूंगा।"
उन्होंने बताया कि वे रफीगंज विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर जिले की बाकी पांचों विधानसभा सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करते रहेंगे।
पार्टी ने किया कार्यकारी जिलाध्यक्ष की नियुक्ति
संकट की घड़ी में जदयू ने संभावित नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल प्रभाव से पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह को कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। नए नियुक्त जिलाध्यक्ष ने कहा कि रूठों को मनाना और संगठन को आगे बढ़ाना उनकी जिम्मेदारी होगी।
"छोटे भाई हैं, मान जाएंगे" - प्रमोद सिंह
वहीं रफीगंज से जदयू प्रत्याशी बने प्रमोद सिंह ने संकट को हल्के में लेते हुए कहा, "अशोक सिंह मेरे छोटे भाई हैं। वे मान जाएंगे, मैं उन्हें मना लूंगा। राजनीति में ऐसी बातें होती रहती हैं।"
यह विवाद बिहार चुनाव में NDA के लिए नई चुनौती पेश कर रहा है और दर्शाता है कि टिकट वितरण को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष गहरा है। अब देखना यह है कि जदयू इस आंतरिक संकट से कैसे उबरती है।
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