West Singhbhum Mining: अवैध खनन के खेल से करोड़ों का नुकसान, कौन है जिम्मेदार?

पश्चिम सिंहभूम में कोर मिनरल माइंस के पास अवैध खनन जारी। प्रशासन और खनन माफिया की सांठगांठ से राजस्व को भारी नुकसान। जानें पूरी खबर।

Dec 19, 2024 - 10:36
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West Singhbhum Mining: अवैध खनन के खेल से करोड़ों का नुकसान, कौन है जिम्मेदार?
West Singhbhum Mining: अवैध खनन के खेल से करोड़ों का नुकसान, कौन है जिम्मेदार?

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी क्षेत्र में अवैध खनन का गंभीर मामला सामने आया है। कोर मिनरल माइंस के पास अवैध खनन की चर्चा जोरों पर है।
सूत्रों के अनुसार, दो जेसीबी मशीन और दस हाइवा ट्रक इस अवैध खनन में लगे हुए हैं। इस खेल में जमशेदपुर और जामदा के खनन माफिया की संलिप्तता की बात कही जा रही है।

कैसे चल रहा है अवैध खनन का खेल?

सूत्रों के मुताबिक:

  1. फर्जी चालान के जरिए लौह अयस्क की धुलाई हो रही है।
  2. खनन विभाग और प्रशासन की मिलीभगत से यह धंधा जारी है।
  3. जामदा के एक पूंजीपति खनन माफिया का वरदहस्त इस खेल को सुरक्षित बना रहा है।
  4. गांवों में माफिया पुलिस प्रशासन का नाम लेकर धौंस दिखा रहे हैं।

अवैध खनन से करोड़ों का नुकसान

अवैध खनन के चलते:

  • राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।
  • सरकारी तंत्र पर सवाल उठ रहे हैं।
  • स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

हाल ही में, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने अवैध खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स की बैठक की थी।

  • पुलिस महानिदेशक और उपायुक्त ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था।
  • बावजूद इसके, खनन माफिया का खेल जारी है।

यह सवाल खड़ा करता है कि:

  • क्या प्रशासन की मिलीभगत इस खेल का कारण है?
  • क्या सफेदपोश लोगों की संलिप्तता के बिना यह संभव है?

खनन माफिया का इतिहास और नेटवर्क

पश्चिम सिंहभूम जिला खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है।

  • यहां लौह अयस्क की खुदाई लंबे समय से होती रही है।
  • अवैध खनन का खेल नए नहीं हैं, लेकिन हाल के वर्षों में यह और तेज हुआ है।
  • बड़े शहरों के खनन माफिया स्थानीय संपर्कों के जरिए इस अवैध कार्य को अंजाम देते हैं।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग?

नोवामुंडी क्षेत्र के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि:

  • माफिया ने इलाके में आतंक का माहौल बनाया हुआ है।
  • पुलिस और प्रशासन की चुप्पी उनके डर को बढ़ा रही है।
  • खनन से जुड़े मजदूरों को उचित वेतन भी नहीं मिलता।

गोपनीय जांच की जरूरत

यह मामला अब गोपनीय जांच की मांग कर रहा है।

  • सरकारी तंत्र की भूमिका की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
  • फॉरेंसिक ऑडिट से राजस्व हानि का आकलन किया जाना चाहिए।

खनिज संपदा और झारखंड का भविष्य

झारखंड देश का खनिज हृदय कहा जाता है।

  • यह राज्य लौह अयस्क, कोयला और बॉक्साइट जैसे खनिजों से समृद्ध है।
  • लेकिन, अवैध खनन राज्य के विकास में सबसे बड़ी बाधा बन गया है।
  • इससे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंच रही है।

पश्चिम सिंहभूम में जारी यह अवैध खनन केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है।

  • क्या सरकार इस समस्या को गंभीरता से लेगी?
  • क्या खनन माफिया पर शिकंजा कसा जाएगा?

इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिल सकते हैं। तब तक, यह मामला झारखंड के प्रशासन और पुलिस के लिए कड़ी चुनौती बना रहेगा।

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