पोटका विधानसभा से उपेंद्रनाथ सरदार को मिल सकती है भाजपा टिकट: जनता के बीच मजबूत पकड़
पोटका विधानसभा सीट से भाजपा टिकट की दौड़ में उपेंद्रनाथ सरदार सबसे आगे। जानिए उनके जनहित कार्यों और राजनीतिक सफर के बारे में।
पोटका विधानसभा सीट, जो अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है, में इस बार भाजपा से उपेंद्रनाथ सरदार के नाम की चर्चा जोरों पर है। 2019 से ही भाजपा नेता उपेंद्रनाथ सरदार क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनकी पहचान एक जुझारू और समर्पित नेता के रूप में बन चुकी है।
उपेंद्रनाथ सरदार की राजनीतिक यात्रा 25 साल पुरानी है, लेकिन 2000 में वे तब सुर्खियों में आए जब पोटका से भाजपा की मेनका सरदार ने जीत हासिल की। जुड़ी पंचायत के रहने वाले उपेंद्रनाथ 2010 में मुखिया भी रह चुके हैं, और उनकी पत्नी सावित्री सरदार भी एक बार मुखिया के पद पर रह चुकी हैं।
उपेंद्रनाथ सरदार को पोटका विधानसभा में खास पहचान तब मिली जब उन्होंने जन वितरण प्रणाली (PDS) के दुकानदारों के खिलाफ आंदोलन किया। उनके इस आंदोलन के बाद 34 पंचायतों के 28,000 लोगों के नए राशन कार्ड बनाए गए, और इसके बाद दुकानदारों ने लाभुकों को समय पर राशन देना शुरू किया।
बिजली की समस्या को लेकर भी उपेंद्रनाथ ने बड़ा आंदोलन किया था। एक दशक पहले हाता चौक जाम करने के बाद, डीसी को हस्तक्षेप करना पड़ा और 6 घंटे के भीतर ही क्षेत्र में बिजली बहाल कर दी गई।
उपेंद्रनाथ सरदार 2014 में बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम से चुनाव भी लड़ चुके हैं। आज बाबूलाल भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष हैं, जिससे उपेंद्रनाथ को पार्टी टिकट पाने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी। उनकी पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से भी अच्छी बनती है, जो उनके पक्ष में जा सकती है।
मुखिया के तौर पर अपने कार्यकाल में उपेंद्रनाथ ने पंचायत के सभी 9 स्कूलों में चापाकल लगवाए, घर-घर शौचालय और नल पहुंचाए, और सोलर सिस्टम से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की। उनका कहना है कि अगर वे विधायक बनते हैं, तो वे 5-6 एकड़ जमीन पर सोलर सिस्टम लगाकर किसानों को सालभर पानी उपलब्ध कराने का काम करेंगे।
उपेंद्रनाथ सरदार ने अपनी शिक्षा छोटानागपुर कॉलेज से पूरी की है और वे इंटर पास हैं। उनकी बेटी रिया सरदार ओडिशा के बारीपदा एमपीसी कॉलेज में साइंस से प्लस टू की पढ़ाई कर रही है, जबकि बेटा विनय कुमार सिंह सरदार तारा पब्लिक स्कूल, हाता में 9वीं कक्षा का छात्र है।
राजनीति में 1989 से सक्रिय उपेंद्रनाथ ने 1994 तक आजसू पार्टी में काम किया और उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए। वे भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भी रह चुके हैं।
अब देखना यह है कि क्या उनकी राजनीतिक सक्रियता और जनहित के कार्यों के आधार पर भाजपा उन्हें इस बार पोटका विधानसभा से टिकट देती है।
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