जमशेदपुर में तिरंगा महारैली: नेताजी की पुण्यतिथि पर निकली विशाल रैली, पूरे शहर में गूंजा 'भारत माता की जय' का नारा!
जमशेदपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि पर तिरंगा महारैली का आयोजन, जिसमें आप नेता अभिषेक कुमार के नेतृत्व में हजारों लोगों ने लिया हिस्सा। जानिए इस ऐतिहासिक रैली की पूरी कहानी।
जमशेदपुर की सड़कों पर रविवार, 18 अगस्त 2024, को एक अद्भुत नजारा देखने को मिला जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि पर तिरंगा महारैली का आयोजन किया गया। इस रैली ने पूरे शहर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया, और हर गली-चौराहे पर 'भारत माता की जय' के नारे गूंजते रहे। यह रैली न केवल नेताजी को श्रद्धांजलि देने का माध्यम थी, बल्कि यह भारत के वीर शहीदों की याद में भी समर्पित थी, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की आजादी का सपना साकार किया।
इस ऐतिहासिक रैली का नेतृत्व आप नेता अभिषेक कुमार ने किया, जो कि जमशेदपुर महानगर इकाई के एक प्रमुख चेहरे हैं। रैली बारीडीह बस्ती के हरि मैदान से शुरू होकर पूरे शहर में अपनी शान दिखाती हुई निकली। रास्ते में बारीडीह गोलचक्कर, एग्रीको गोलचक्कर, भालू बसा, बाराद्वारी, साक्ची गोलचक्कर, न्यू कालीमाटी रोड, हावड़ा ब्रिज, गोलमुरी और तीन प्लेट होते हुए, रैली का समापन बारीडीह मुख्य गोलचक्कर के पास हुआ।
रैली में मुख्य अतिथि के रूप में आप नेता रईस अफरीदी जी ने भी शिरकत की और अपने ओजस्वी भाषण से लोगों में जोश भर दिया। उन्होंने कहा, "नेताजी का सपना था एक ऐसा भारत, जो हर मायने में स्वतंत्र और सशक्त हो। हमें उनके उस सपने को साकार करने के लिए इसी तरह एकजुट होकर काम करना होगा।"
रैली में भाग लेने वालों में मुख्य रूप से संतोष भगत, मनोज सिंह, संजय सिंह, अमित सिंह जख्मी, मणि यादव, चरणजीत सिंह, देवेंद्र सिंह, मनीष कुमार, राहुल मिश्रा, अमरजीत सिंह, अमित सिंह जत्थेदार, पंकज गुप्ता, पवन कुमार, हकीमुद्दीन वारसी, अफरोज आलम, और कमलेश यादव शामिल थे। इन सबकी भागीदारी ने इस रैली को और भी भव्य बना दिया।
जमशेदपुर की यह तिरंगा महारैली सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना को पुनर्जीवित करने का एक अद्भुत उदाहरण थी। इस रैली ने यह दिखाया कि कैसे नेताजी और देश के अन्य वीर सपूत आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं और हमें प्रेरित करते रहते हैं।
इस रैली ने न केवल शहर के लोगों को एकता के सूत्र में बांधा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि चाहे जितने भी साल बीत जाएं, हमारे देश के लिए शहीद हुए वीर सपूतों की यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। जमशेदपुर के इस आयोजन ने पूरे देश को यह संदेश दिया कि देशभक्ति की भावना कभी मंद नहीं होनी चाहिए।
जमशेदपुर की यह महारैली उन सभी के लिए एक यादगार दिन बन गई, जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को फिर से याद किया।
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