Jamshedpur women empowerment : टाटा स्टील में अब महिलाएं भी करेंगी तीनों शिफ्ट में काम, क्या बदलेगा माहौल?
टाटा स्टील ने बड़ा फैसला लिया है। अब महिला कर्मचारी तीनों शिफ्ट में काम करेंगी। क्या यह कदम उद्योग जगत में नई मिसाल बनेगा?
जमशेदपुर, शुक्रवार : देश की प्रमुख स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने महिला कर्मचारियों को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब कंपनी में महिलाएं तीनों शिफ्ट में ड्यूटी करेंगी। यह घोषणा कंपनी प्रबंधन की ओर से आधिकारिक तौर पर की गई।
कंपनी ने जानकारी दी कि ओडिशा के कलिंगनगर स्थित आउटबाउंड लाजिस्टिक विभाग में महिलाओं को सफलतापूर्वक तीनों शिफ्ट में प्रतिनियुक्त किया गया है। यह कदम औद्योगिक संचालन में लैंगिक समानता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। अब तक यह क्षेत्र पुरुष प्रधान माना जाता रहा है।
टाटा स्टील प्रबंधन ने बताया कि कलिंगनगर प्लांट में ट्रेड अप्रेंटिस के वर्ष 2023 बैच में कुल 39 प्रशिक्षु शामिल हुए। इनमें 26 महिलाएं थीं। खास बात यह रही कि इनमें से 18 महिलाओं को सीधे आउटबाउंड लाजिस्टिक विभाग में शामिल किया गया।
महिलाओं की नियुक्ति से पहले उन्हें कई स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया। इसमें सुरक्षा, गुणवत्ता, प्रेषण प्रक्रिया, इन्वेंट्री प्रबंधन और डिजिटल उपकरणों का गहन अभ्यास शामिल था। प्रशिक्षण की प्रक्रिया कक्षा सत्र और कार्यस्थल पर दोनों स्तरों पर कराई गई। इसका उद्देश्य महिलाओं को क्षेत्रीय और प्रणाली आधारित भूमिकाओं के लिए तैयार करना था।
समावेशिता की ओर बड़ा कदम
कलिंगनगर प्लांट के महाप्रबंधक, ऑपरेशन करमवीर सिंह ने कहा कि टाटा स्टील ने खदानों और लाजिस्टिक के सभी शिफ्ट में महिला कर्मचारियों की तैनाती कर कार्यस्थल पर समावेशिता की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उनका कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में तकनीकी विकास ने महिलाओं को भी अधिक अवसर दिए हैं। अब महिलाएं उन भूमिकाओं को सफलतापूर्वक निभा रही हैं, जो पहले पुरुष प्रधान मानी जाती थीं।
उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी उत्साहित है कि महिलाएं इन अवसरों को कितनी तेजी से अपना रही हैं। आगे भी इस तरह की नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में कदम जारी रहेंगे।
पहले भी बना चुकी है रिकॉर्ड
कंपनी ने बताया कि टाटा स्टील भारत की पहली कंपनी है जिसने सितंबर 2019 से नोआमुंडी माइंस में महिला माइनिंग इंजीनियरों को तीनों शिफ्ट में तैनात किया है। यह पहल उस समय भी चर्चा का विषय बनी थी और इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम माना गया था।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
कंपनी के भीतर काम कर रहे कर्मचारी भी इस फैसले से खुश हैं। उनका कहना है कि इससे कार्यस्थल का माहौल बदलेगा और महिलाएं भी नेतृत्व की नई भूमिकाएं निभा पाएंगी।
टाटा स्टील का यह कदम उद्योग जगत में एक नई मिसाल साबित हो सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या अन्य बड़ी कंपनियां भी इस मॉडल को अपनाती हैं।
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