टाटा स्टील फाउंडेशन की शिक्षा और कौशल विकास पहल से वेस्ट बोकारो में हो रहा बड़ा बदलाव

टाटा स्टील फाउंडेशन की शिक्षा, कौशल विकास, और सशक्तिकरण की पहल वेस्ट बोकारो के युवाओं और छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। इस पहल ने आर्थिक स्वतंत्रता और शिक्षा के नए अवसरों को भी बढ़ावा दिया है।

Nov 10, 2024 - 19:33
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टाटा स्टील फाउंडेशन की शिक्षा और कौशल विकास पहल से वेस्ट बोकारो में हो रहा बड़ा बदलाव
टाटा स्टील फाउंडेशन की शिक्षा और कौशल विकास पहल से वेस्ट बोकारो में हो रहा बड़ा बदलाव

वेस्ट बोकारो, 10 नवंबर 2024: टाटा स्टील फाउंडेशन ने वेस्ट बोकारो के युवाओं और छात्रों के लिए शिक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इन पहलों के माध्यम से छात्रों और युवाओं को कौशल विकास और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में मार्गदर्शन मिल रहा है। फाउंडेशन के इन प्रयासों ने स्थानीय लोगों के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं।

वित्तीय वर्ष 2024 में टाटा स्टील फाउंडेशन ने प्री-मैट्रिकुलेशन कोचिंग (पीएमसी) कार्यक्रम के माध्यम से 1,826 छात्रों को कोचिंग प्रदान की है। यह कोचिंग गणित, विज्ञान, और अंग्रेजी जैसे विषयों में छात्रों की नींव मजबूत करने का काम करती है। ज्योति फेलोशिप के तहत फाउंडेशन ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के 712 मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता दी है, जिससे कक्षा 7वीं से स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई के लिए मदद मिली है। इस फेलोशिप ने कई छात्रों को उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने का मौका दिया है।

फाउंडेशन की ‘ग्रीन स्कूल पहल’ के तहत, कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को जलवायु परिवर्तन, स्थिरता, और व्यावहारिक शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी का भाव विकसित करना है। इस पहल ने छात्रों को सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया है।

फाउंडेशन ने युवाओं के करियर को नई दिशा देने के लिए करियर परामर्श शिविर और प्लेसमेंट ड्राइव का भी आयोजन किया। मॉडल करियर सेंटर, जमशेदपुर के साथ साझेदारी में आयोजित इस कार्यक्रम ने 78 छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान किए। इनमें से कुछ को बैंगलोर में विस्ट्रॉन इलेक्ट्रॉनिक्स में नौकरी भी मिली है। इस प्रयास के जरिए युवाओं को रोजगार के नए रास्ते मिल रहे हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए, फाउंडेशन ने नर्सिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया। इस कार्यक्रम के तहत 22 छात्रों ने झारखंड नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की है, जिसमें से 18 ने जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) और 5 ने बीएससी नर्सिंग के लिए अर्हता प्राप्त की। यह कार्यक्रम महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में सहायक साबित हो रहा है।

डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन ने एनआईआईटी फाउंडेशन के सहयोग से कंप्यूटर और अंग्रेजी भाषा की कक्षाएं शुरू की हैं। ये कक्षाएं जय हिंद विद्या निकेतन, सोनडीहा में आयोजित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य छात्रों को डिजिटल कौशल से लैस करना है। इसके तहत लगभग 500 महिलाओं को डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण देने की योजना है, जिससे उन्हें भविष्य में रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकें।

फाउंडेशन की इस पहल से प्रभावित घाटोटांड़ की 22 वर्षीय प्रीति कुमारी ने बताया कि टाटा स्टील फाउंडेशन की मदद से उन्हें बैंगलोर में नौकरी का अवसर मिला। उन्होंने कहा, "जब मुझे बैंगलोर में काम करने का मौका मिला तो मैं उत्साहित भी थी और घबराई हुई भी, क्योंकि मैंने कभी अपने घर से बाहर कदम नहीं रखा था। आज, मैं आत्मविश्वासी हूं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी हूं। मुझे उम्मीद है कि और भी लड़कियां अपने सपनों को पूरा कर सकेंगी।”

टाटा स्टील फाउंडेशन के इस बहुआयामी दृष्टिकोण ने वेस्ट बोकारो में शिक्षा, कौशल विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। फाउंडेशन के प्रयासों से यह क्षेत्र एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहा है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।