टाटा पावर में मजदूरों का विद्रोह! प्रबंधन पर गंभीर आरोप!
टाटा पावर में मजदूरों ने एटक के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया। मजदूर नेता अंबुज ठाकुर ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए और बकाए वेतन की मांग की। जानें, क्या हुआ इस महत्वपूर्ण प्रदर्शन में और कैसे प्रबंधन ने किया प्रतिक्रिया।
टाटा पावर में मजदूरों की समस्याओं पर जोरदार प्रदर्शन
प्रदर्शन का कारण
गुरुवार को गोविंदपुर स्थित टाटा पावर गेट पर मजदूरों ने एटक के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व मजदूर नेता अंबुज ठाकुर ने किया। उन्होंने बताया कि टाटा कंपनी एक विश्व विख्यात कंपनी है और इस तरह की अनियमितता इस कंपनी में देखने को मिल रही है तो यह बहुत दुर्भाग्य की बात है।
विस्तारीकरण के दौरान उत्पन्न समस्याएं
टाटा पावर में पिछले तीन वर्षों से विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है। हर काम नए-नए ठेकेदार ले रहे हैं और फिर काम छोड़कर भाग जा रहे हैं। कुछ ठेकेदार कम मूल्य में काम उठाकर मजदूरों को या तो कम वेतन दे रहे हैं या फिर उनका पीएफ/ईएसआईसी काट रहे हैं। इन सारी समस्याओं का भुगतान मजदूरों को ही भुगतना पड़ रहा है।
एटक के बैनर तले प्रदर्शन
लगातार शिकायतें मिलने पर एटक के बैनर तले मजदूरों ने टाटा पावर गेट के समक्ष प्रदर्शन किया और अपनी समस्याओं से प्रबंधन को अवगत कराया। श्री ठाकुर ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि जब भी मजदूरों से संबंधित समस्याओं से प्रबंधन को अवगत कराया जाता है, तो प्रबंधन का कहना होता है कि वेतन का भुगतान किया जा रहा है।
मजदूरों की मांगें
श्री ठाकुर ने कहा कि ऐसी समस्या ही क्यों आती है कि मजदूरों को अपने हक और अधिकार के लिए प्रदर्शन करना पड़े। उन्होंने प्रबंधन से मांग करते हुए कहा कि बकाए वेतन का जल्द भुगतान हो। जो भुगतान ठेकेदार द्वारा किया जाता है, उस भुगतान को प्रबंधन स्वयं करे। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रबंधन उनकी नहीं सुनता है तो वे सभी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
भविष्य की कार्यवाही
यदि प्रबंधन ने मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो मजदूर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस प्रदर्शन के माध्यम से मजदूरों ने अपनी समस्याओं और मांगों को प्रबंधन के सामने रखा। अब देखना होगा कि प्रबंधन इन समस्याओं का समाधान किस प्रकार करता है।
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