टाटा मोटर्स अस्पताल में मेडिकल लापरवाही के आरोप: बबीता राय की मौत

जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में बबीता राय की मौत के बाद मेडिकल लापरवाही के आरोप लगे हैं। परिवार ने सर्जिकल टीम में बदलाव और ऑपरेशन के बाद की समस्याओं के समाधान में देरी का आरोप लगाया है। जानें पूरी कहानी।

Jul 25, 2024 - 23:28
Jul 25, 2024 - 23:35
टाटा मोटर्स अस्पताल में मेडिकल लापरवाही के आरोप: बबीता राय की मौत
टाटा मोटर्स अस्पताल में मेडिकल लापरवाही के आरोप: बबीता राय की मौत

टाटा मोटर्स अस्पताल में बबीता राय की मौत के बाद मेडिकल लापरवाही के आरोप सामने आए हैं। उनके परिवार का दावा है कि सर्जिकल टीम में बदलाव की जानकारी नहीं दी गई और ऑपरेशन के बाद की समस्याओं के समाधान में काफी देरी हुई।

बबीता राय: एक हंसमुख और दयालु व्यक्तित्व

बबीता राय, एक 42 वर्षीय महिला, अपने मधुर हंसी और गर्म दिल के लिए जानी जाती थीं। उनका खुशमिजाज स्वभाव और दयालुता उनकी पहचान थी। लेकिन पिछले साल, बबीता का जीवन एक दर्दनाक मोड़ पर आ गया जब उनकी मौत टाटा मोटर्स अस्पताल में हो गई।

भाई का आरोप: मेडिकल लापरवाही

उनके भाई, राजेश राय, ने 'The Probe' से बात करते हुए आरोप लगाया कि बबीता को फरवरी 2022 से असामान्य रक्तस्राव और अनियमित मासिक धर्म की समस्या थी। उनके पति टाटा मोटर्स में कर्मचारी होने के कारण, परिवार ने टाटा मोटर्स अस्पताल का चयन किया, जहां कंपनी चिकित्सा खर्चों को कवर करती है। "जब वह जांच के लिए गईं, तो पाया गया कि उनके अंडाशय में सिस्ट है। उन्हें दवाएं दी गईं, लेकिन वह काम नहीं कर रही थीं," राजेश ने बताया।

कैंसर का खतरा और सर्जरी की आवश्यकता

अगस्त तक, राजेश को पता चला कि अंडाशय की सिस्ट कैंसरयुक्त हो सकती है और उन्होंने बबीता से तुरंत सर्जरी कराने का आग्रह किया। सितंबर में, स्थानीय डॉक्टर इंदु चौहान ने पुष्टि की कि सिस्ट कैंसरयुक्त थी और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बजाय ओपन सर्जरी की सिफारिश की। इसके बाद, बबीता को 7 अक्टूबर को टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया और सिस्ट, अंडाशय और गर्भाशय को हटाने के लिए 9 अक्टूबर को सर्जरी निर्धारित की गई।

मेडिकल लापरवाही के आरोप

राजेश का आरोप है कि उन्हें सर्जिकल टीम में बदलाव की जानकारी नहीं दी गई और ऑपरेशन के बाद की समस्याओं के समाधान में देरी हुई, जिससे बबीता की हालत और खराब हो गई। इस लापरवाही ने बबीता की जान ले ली, और परिवार अभी भी इस दर्दनाक नुकसान से उबर नहीं पाया है।

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।