Tatanagar Breaking: स्टील एक्सप्रेस पर गालूडीह और रखा माइंस के बीच पत्थरबाजी, ट्रेन के शीशे टूटे

हावड़ा-टाटानगर स्टील एक्सप्रेस पर गालूडीह और रखा माइंस के बीच पत्थरबाजी। C2 और D4 कोच के शीशे टूटे। रेलवे ने जांच शुरू की।

Jan 20, 2025 - 22:38
Jan 20, 2025 - 22:46
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Tatanagar Breaking: स्टील एक्सप्रेस पर गालूडीह और रखा माइंस के बीच पत्थरबाजी, ट्रेन के शीशे टूटे
Tatanagar Breaking: स्टील एक्सप्रेस पर गालूडीह और रखा माइंस के बीच पत्थरबाजी, ट्रेन के शीशे टूटे

जमशेदपुर:  सोमवार की शाम हावड़ा से टाटानगर आ रही स्टील एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12813) पर गालूडीह और रखा माइंस स्टेशन के बीच अज्ञात बदमाशों ने पत्थरबाजी की। इस घटना में ट्रेन के C-2 और D-4 कोच की खिड़कियों के शीशे टूट गए। हादसे के दौरान यात्रियों में दहशत का माहौल देखा गया।

घटना का विवरण

  • घटनास्थल:
    गालूडीह से रखा माइंस स्टेशन के बीच।
  • टूटे शीशे:
    • D-4 कोच: सीट संख्या 55, 56, 57।
    • C-2 कोच: सीट संख्या 70, 71, 72।
  • ट्रेन का समय:
    • हावड़ा जंक्शन: 19:10।
    • घाटशिला: 20:34।
    • रखा माइंस: 20:50।
    • टाटानगर जंक्शन: 21:25।

यात्रियों की प्रतिक्रिया

एक यात्री ने बताया कि जब ट्रेन रखा माइंस स्टेशन के पास पहुंची, तभी कोच D-4 और C-2 पर पत्थर फेंके गए। यात्री ने कहा,
"मैं D-4 कोच में सफर कर रहा था। अचानक तेज आवाज हुई और खिड़की का कांच टूट गया। सभी यात्री डर गए और खिड़कियों से दूर हो गए।"

टीटी और रेलवे की प्रतिक्रिया

घटना के बाद ट्रेन थोड़ी देर के लिए रखा माइंस स्टेशन पर रोकी गई। इसके बाद टीटी और अन्य रेलवे कर्मचारियों ने कोच की जांच की और यात्रियों से बातचीत की। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी।

रेलवे का बयान और सुरक्षा जांच

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि पत्थरबाजी की घटना गंभीर है और इसमें शामिल अज्ञात बदमाशों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी गई है। घटना से जुड़ी जानकारी के लिए आसपास के स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल

  • इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।
  • रेलवे ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।