70 लाख की ठगी और बदनाम करने की साजिश: दया हॉस्पिटल के पूर्व कर्मचारी शाहिद अनवर की गिरफ्तारी

जमशेदपुर के दया हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में 70 लाख रुपये का गबन करने और फेक अकाउंट बनाकर मालिक को बदनाम करने के आरोप में शाहिद अनवर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

Aug 14, 2024 - 20:19
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70 लाख की ठगी और बदनाम करने की साजिश: दया हॉस्पिटल के पूर्व कर्मचारी शाहिद अनवर की गिरफ्तारी
70 लाख की ठगी और बदनाम करने की साजिश: दया हॉस्पिटल के पूर्व कर्मचारी शाहिद अनवर की गिरफ्तारी

साजिश का पर्दाफाश: दया हॉस्पिटल के पूर्व कर्मचारी शाहिद अनवर ने 70 लाख की ठगी के बाद, फेक अकाउंट से मालिक को किया बदनाम, गिरफ्तार

जमशेदपुर: मानगो थाना क्षेत्र के आजादनगर स्थित दया हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। बुधवार सुबह, जमशेदपुर साइबर थाना की पुलिस ने 15 नंबर नेचर पार्क के पास से शाहिद अनवर को गिरफ्तार कर लिया, जिसने अस्पताल में 70 लाख रुपये का गबन करने के बाद, फेक आईडी बनाकर अस्पताल के मालिक मुमताज अहमद को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा था।

शाहिद अनवर, जो पहले दया हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में काम करता था, को गबन के आरोप में अस्पताल से हटा दिया गया था। लेकिन इस पर रोक नहीं लगी। अपनी नौकरी खोने के बाद, शाहिद ने बदला लेने की ठान ली। उसने आयशा खान नाम की एक फेक आईडी बनाई और पिछले चार महीनों से सोशल मीडिया पर लगातार दया हॉस्पिटल और उसके संचालक मुमतаз अहमद के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट कर रहा था।

शाहिद का मकसद केवल बदनामी नहीं था। उसने अस्पताल के नाम से भी एक फेक अकाउंट बनाया और वहां से चोरी किए गए गोपनीय दस्तावेजों को वायरल करना शुरू कर दिया। मुमताज अहमद ने इसकी सूचना जमशेदपुर साइबर थाना में दी, जहां जांच के दौरान पाया गया कि आयशा खान का अकाउंट शाहिद अनवर के मोबाइल से संचालित हो रहा था।

साइबर थाना की पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की और शाहिद को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस उससे मानगो थाना में पूछताछ कर रही है और मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

दया हॉस्पिटल के संचालक मुमताज अहमद ने बताया कि शाहिद ने न सिर्फ 70 लाख रुपये का गबन किया, बल्कि उसकी छवि धूमिल करने के लिए फेक अकाउंट का सहारा लिया। उन्होंने कहा, "शाहिद ने मेरी प्रतिष्ठा और अस्पताल की छवि को बर्बाद करने की पूरी कोशिश की। लेकिन सच हमेशा जीतता है, और आज उसका साजिश बेनकाब हो चुका है।"

यह मामला जमशेदपुर के लिए एक बड़ी खबर बन गया है। शाहिद अनवर की यह साजिश जहां एक तरफ लोगों के लिए चौंकाने वाली है, वहीं दूसरी तरफ यह उन लोगों के लिए चेतावनी भी है जो इस तरह के अपराधों में लिप्त होते हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।