बजरंग बली मंदिर में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और दुर्गावाहिनी ने चौथी सोमवारी पर भक्तों को बांटा दूध, गंगाजल
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, और दुर्गावाहिनी-मातृशक्ति बारीडीह ने चौथी सोमवारी पर बजरंग बली मंदिर में भक्तों को निशुल्क दूध, गंगाजल और तिलक वितरित किया। जानिए सनातन धर्म में तिलक का महत्व और इस आयोजन की प्रमुख बातें।
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, और दुर्गावाहिनी-मातृशक्ति बारीडीह की ओर से श्रवण माह की चौथी सोमवारी के शुभ अवसर पर बारीडीह बस्ती स्थित बजरंग बली मंदिर में एक अनोखा आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों भक्तजनों को निशुल्क दूध, पुष्प, गंगा जल, और बेलपत्र वितरित किए गए, साथ ही उन्हें तिलक भी लगाया गया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भक्तों को सनातन धर्म में तिलक के महत्व के बारे में जागरूक करना था। तिलक, जो हिंदू धर्म में शुभता और आस्था का प्रतीक माना जाता है, को भक्तों के माथे पर लगाया गया और इसके धार्मिक महत्व को समझाया गया।
कार्यक्रम में दुर्गावाहिनी की जिला संयोजिका श्रीमती पुनम रेड्डी जी, साकेत भारद्वाज, बंटी सिंह, रविकांत शर्मा, विवेक शर्मा, मुन्ना मिश्रा, सतीश कुमार, अमित सिंह, विकास सिंह, मारुति पांडे, विद्यासागर, आकाश दास, सावन कुमार, पीयूष कुमार, नीरज सिंह, सनी, दीनबंधु, अरुण, अजीत सिंह, अभिनंदन कुमार, विनय लोहार, मयंक और प्रकाश प्रिंस जैसे समर्पित कार्यकर्ता उपस्थित रहे और सेवा में योगदान दिया।
इस आयोजन ने श्रवण मास की धार्मिक आस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ भक्तों को सनातन धर्म के महत्व से अवगत कराने का प्रयास किया। भक्तों ने तिलक लगाकर इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया और शिव भक्तों के लिए यह आयोजन एक अद्भुत अनुभव साबित हुआ।
इस तरह के धार्मिक आयोजन समाज में एकता और सद्भावना का संदेश फैलाते हैं, और हिंदू धर्म की परंपराओं को सजीव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बारीडीह के बजरंग बली मंदिर में इस प्रकार का आयोजन करना न केवल भक्तों के लिए एक पवित्र अनुभव था, बल्कि यह धर्म के प्रति लोगों की आस्था को भी और मजबूत करता है।
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