Saraikela: तालाब में डूबने से दो महिलाओं की मौत, लगातार हो रही मौतों ने मचाई सनसनी
सरायकेला में तालाब में डूबने की लगातार घटनाओं ने इलाके में कोहराम मचा दिया है। दो महिलाओं की मौत की घटना सामने आई है, जो पानी में डूबकर जान से हाथ धो बैठी। जानें क्या था पूरा मामला।
सरायकेला: झारखंड के सरायकेला जिले में पानी की एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां तालाब में डूबने से दो महिलाओं की मौत हो गई। बुधवार की सुबह पांड्रा गांव में यह हादसा हुआ, जब दो महिलाएं तालाब में नहाने गईं और पानी में डूबकर अपनी जान गंवा बैठीं। यह घटना जिले में डूबने से मौत की तीसरी घटना है, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बन चुकी है।
तालाब में नहाते वक्त हुआ हादसा
पांड्रा गांव में बुधवार की सुबह दो महिलाएं, दुखी सरदार (30) और रेखा सरदार (28), रोजाना की तरह तालाब में नहाने गई थीं। घटनास्थल पर मौजूद गवाहों के मुताबिक, दुखी सरदार ने जैसे ही तालाब की सीढ़ियों पर कदम रखा, उसका पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गई। पानी में गिरते ही दुखी सरदार को डूबते देख रेखा सरदार उसे बचाने के लिए पानी में कूद पड़ी। लेकिन, अफसोस कि बचाने के प्रयास में दोनों महिलाएं पानी में डूब गईं और उनकी मौत हो गई।
पहली नजर में एक और दर्दनाक मौत
यह हादसा उस वक्त हुआ जब, कुछ समय पहले ही, खरकई नदी के जगन्नाथपुर घाट पर एक युवक की डूबने से मौत हो चुकी थी। आशीष कैमिला (32) नामक युवक की मौत भी डूबने से ही हुई थी। पांड्रा तालाब में यह तीसरी मौत थी, और जैसे ही घटनास्थल से सूचना मिली, स्थानीय लोग और परिवार के सदस्य हादसे की जानकारी लेने के लिए जुट गए।
स्थानीय लोगों ने दी मदद
घटना के बाद, जैसे ही स्थानीय लोगों को इस हादसे का पता चला, उन्होंने दोनों महिलाओं के परिवार को सूचित किया। परिजनों ने तुरंत तालाब पहुंचकर दोनों महिलाओं को बाहर निकाला और सदर अस्पताल सरायकेला ले गए, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
डूबने से मौतों का सिलसिला
सरायकेला में डूबने से मौतों का यह सिलसिला बढ़ता जा रहा है। यह घटना इलाके में एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि क्या तालाबों और नदियों में पानी में नहाने के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन सही तरीके से किया जा रहा है? जहां एक ओर ये प्राकृतिक जल स्रोत गांववालों की जिंदगी का हिस्सा हैं, वहीं दूसरी ओर इन जल स्रोतों में घातक हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
स्थानीय प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए गए?
इस घटनाक्रम के बाद, स्थानीय प्रशासन और समाजसेवी संगठनों की ओर से पानी के जल स्रोतों में सुरक्षा को लेकर सुझाव दिए गए हैं। लोगों से यह अपील की जा रही है कि वे पानी में नहाने से पहले अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और नदी-तालाबों में सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करें।
आखिर क्यों बढ़ रही है पानी में डूबने की घटनाएं?
इस सिलसिलेवार घटनाओं के बीच पानी में डूबने की घटनाओं का बढ़ना समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। क्या यह केवल असावधानी है, या फिर जलाशयों में साफ-सफाई और सुरक्षा उपायों की कमी? ये सवाल अब स्थानीय प्रशासन और समाज के सामने हैं।
क्या आप भी मानते हैं कि जलाशयों और नदियों में सुरक्षा की सख्त जरूरत है? कृपया अपने विचार नीचे कमेंट बॉक्स में साझा करें।
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