Saraikela Accident: बाइक सवार की जान पर बनी, ब्रेकडाउन हाईवा से टकराई स्पीडिंग बाइक!
सरायकेला-कांड्रा रोड पर बड़ा हादसा! ब्रेकडाउन हाईवा से टकराई बाइक, भीमसेन महतो गंभीर रूप से घायल। सड़क पर बढ़ती दुर्घटनाओं के पीछे आखिर कौन जिम्मेदार? जानें पूरी खबर।

सरायकेला: शनिवार की शाम सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी। संजय नदी के समीप सड़क किनारे खड़े एक ब्रेकडाउन हाईवा के पीछे से तेज रफ्तार बाइक टकरा गई, जिससे बाइक सवार भीमसेन महतो (35) गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए घायल को रोड एम्बुलेंस के जरिए सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, डॉक्टरों ने उनकी नाजुक हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जमशेदपुर रेफर कर दिया।
कैसे हुआ हादसा? एक चूक ने बदल दी जिंदगी
घटना शनिवार शाम करीब 7 बजे की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, भीमसेन महतो भालूबासा गांव के निवासी हैं और कांड्रा स्थित एक पेट्रोल पंप में काम करते हैं। रोज की तरह शनिवार को भी वह ड्यूटी पूरी करने के बाद घर लौट रहे थे। लेकिन इस बार सफर उनके लिए काल बनकर आया।
जैसे ही वे संजय नदी के पास पहुंचे, विपरीत दिशा से आ रहे वाहन की तेज हेडलाइट उनकी आंखों में सीधी पड़ी, जिससे कुछ पल के लिए उनकी नजर कमजोर पड़ गई। इसी दौरान सड़क किनारे ब्रेकडाउन हाईवा को वह देख नहीं सके और सीधा जाकर उसमें टकरा गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और भीमसेन महतो सड़क पर गिर पड़े।
स्थानीय लोगों ने निभाई जिम्मेदारी
जैसे ही हादसा हुआ, मौके पर मौजूद राहगीरों और स्थानीय लोगों ने तत्काल मदद की। किसी ने पुलिस को सूचना दी, तो किसी ने एंबुलेंस बुलवाई। समय पर मिली प्राथमिक चिकित्सा ने उनकी जान बचाने में अहम भूमिका निभाई।
सरायकेला-कांड्रा रोड: हादसों का ब्लैक स्पॉट?
यह पहली बार नहीं है जब सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर इस तरह का हादसा हुआ हो। इस हाईवे पर पहले भी कई दर्दनाक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। तेज रफ्तार, अंधाधुंध ड्राइविंग और सड़क किनारे खड़े खराब वाहनों के कारण यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो:
- ब्रेकडाउन वाहनों के लिए कोई संकेतक या बैरिकेडिंग नहीं होने के कारण हादसों की संभावना बढ़ जाती है।
- अंधेरे में हाई बीम लाइट्स सीधे सामने वाले ड्राइवर की आंखों पर पड़ती हैं, जिससे उनकी दृष्टि कुछ सेकंड के लिए धुंधली हो जाती है और दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
- सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर उचित स्ट्रीट लाइट्स की कमी भी दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है।
सरकार और प्रशासन की चुप्पी क्यों?
स्थानीय लोगों के अनुसार, कई बार प्रशासन को इस रोड की खतरनाक स्थिति के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हर साल दर्जनों लोग इस मार्ग पर जान गंवा देते हैं, लेकिन न तो सड़क पर कोई चेतावनी बोर्ड लगाए गए और न ही सड़क किनारे खड़े खराब वाहनों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की जाती है।
बचाव के लिए क्या जरूरी?
इस तरह के हादसों से बचने के लिए प्रशासन को चाहिए कि:
- सड़क किनारे खड़े ब्रेकडाउन वाहनों के लिए उचित बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
- रात के समय हेडलाइट्स के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
- तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए।
- इस रोड को बेहतर ढंग से रोशन करने के लिए स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएं।
हादसे से मिली सीख
भीमसेन महतो की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जमशेदपुर में चल रहा है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सड़क पर जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। वाहन चालकों को तेज रफ्तार से बचना चाहिए, अंधेरे में चलते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए और सड़क किनारे खड़े वाहनों से उचित दूरी बनाकर चलना चाहिए।
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