Saraikela Hiva Accident : सरायकेला में खौफनाक हादसा,अनियंत्रित हाइवा ने बाइक सवार को रौंदा, सड़क जाम कर भड़के ग्रामीण! क्या मिलेगा मुआवजा?
सरायकेला के नीमडीह में सोमवार तड़के हाइवा ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। घायल युवक का इलाज जारी है, जबकि ग्रामीण मुआवजे की मांग पर अड़े हैं। जानिए पूरी घटना और पुलिस की कार्रवाई।
सरायकेला खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के सिरूम चौक पर सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। बालू लोड करने जा रहा एक अनियंत्रित हाइवा बाइक सवार युवकों को रौंद गया। घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
हादसे में एक युवक किसी तरह कूदकर बच निकला। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक का इलाज स्थानीय क्लिनिक में किया जा रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत फिलहाल स्थिर है।
घटना के बाद नाराज ग्रामीणों ने नीमडीह-तिरुलडीह मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। मौके पर मौजूद हाइवा चालक और खलासी को पकड़कर बंधक बना लिया। ग्रामीणों ने बताया कि गाड़ी का मालिक तिरुलडीह का बुबाई नामक व्यक्ति है। लेकिन हादसे के समय गाड़ी खलासी चला रहा था।
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी कि जब तक वाहन मालिक और पुलिस मौके पर नहीं पहुंचते तथा पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक सड़क जाम जारी रहेगा।
सूत्रों के अनुसार हादसा उस वक्त हुआ जब हाइवा स्टॉक से बालू लोड करने के लिए निकला था। तेज रफ्तार और वाहन पर नियंत्रण की कमी के चलते यह दुर्घटना हुई।
हादसे के बाद सड़क पर अफरातफरी मच गई। नीमडीह-तिरुलडीह मार्ग पर कई वाहन फंस गए। यात्रियों और व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गई।
सूचना मिलते ही नीमडीह थाना पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने ग्रामीणों से शांत रहने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों की निगरानी जरूरी है। उनका कहना है कि अगर समय रहते सुरक्षा उपाय नहीं किए गए तो ऐसे हादसे और बढ़ सकते हैं।
अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि प्रशासन मुआवजा दिलाने और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाता है। ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, लेकिन साथ ही पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को संभालने की कोशिश की जा रही है।
यह घटना सड़क सुरक्षा की कमी और तेज रफ्तार वाहनों के खतरे की तरफ गंभीर सवाल उठाती है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
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