सप्तमी के दिन न्यू सिदगोड़ा में दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि, कमिटी ने किया दो मिनट का मौन

न्यू सिदगोड़ा दुर्गा पूजा कमिटी ने सप्तमी के दिन रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की। दो मिनट का मौन रखकर उनके योगदान को याद किया गया।

Oct 11, 2024 - 00:48
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सप्तमी के दिन न्यू सिदगोड़ा में दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि, कमिटी ने किया दो मिनट का मौन
सप्तमी के दिन न्यू सिदगोड़ा में दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि, कमिटी ने किया दो मिनट का मौन

जमशेदपुर: न्यू सिदगोड़ा दुर्गा एवं काली पूजा कमिटी ने सप्तमी के दिन सिनेमा मैदान में दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की। कमिटी के संरक्षक विक्रम शर्मा, मुख्य संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष प्रकाश भाई पटेल और 145 वॉलंटियर्स के साथ पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं ने दो मिनट का मौन रखकर महान उद्योगपति की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर उपस्थित सभी ने अपने स्थान पर खड़े होकर श्रद्धांजलि दी और रतन टाटा की स्मृति में श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

विक्रम शर्मा: भारत ने खो दिया एक महान नेता

संरक्षक विक्रम शर्मा ने अपने संबोधन में रतन टाटा के योगदान को याद करते हुए कहा, "भारत ने एक महान नेता खो दिया है। उन्होंने ईमानदारी, सहानुभूति और उद्देश्य के साथ नेतृत्व को फिर से परिभाषित किया। उनकी दयालुता और बुद्धिमत्ता हमें प्रेरित करती रहेगी। उनका जाना भारतीय उद्योग और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।" रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल व्यापारिक ऊंचाइयां हासिल कीं बल्कि समाज के लिए भी गहरी प्रतिबद्धता दिखाई। उनके समाजसेवा के कार्यों ने उन्हें देश के हर नागरिक के दिल में खास स्थान दिलाया।

चंद्रगुप्त सिंह: रतन टाटा ने गढ़ी मानवीयता की नई मिसाल

मुख्य संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा, "श्री रतन टाटा जी ने अपने अथक परिश्रम और प्रगतिशील दृष्टिकोण से भारतीय उद्योग जगत को नई ऊंचाइयां दीं। उनकी विनम्रता और मानवीयता के क्षेत्र में जो अभूतपूर्व कार्य उन्होंने किए, वे सदियों तक प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने लोककल्याण और मानवता की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया, और यही वजह है कि वह सिर्फ एक उद्योगपति नहीं, बल्कि एक समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि रतन टाटा का दृष्टिकोण सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं था, बल्कि समाज कल्याण के कामों में भी उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा लगाई। शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में उनके द्वारा की गई पहलों ने लाखों लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया। उनका यह योगदान आज भी भारतीय समाज में जीवित है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

श्रद्धांजलि में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालु

इस कार्यक्रम में कमिटी के 145 वॉलंटियर्स के अलावा सैकड़ों श्रद्धालु भी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके द्वारा भारतीय उद्योग जगत में किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया। इस दौरान पंडाल में एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने उनके जीवन से जुड़ी यादों को साझा किया और उनके आदर्शों पर चलने की शपथ ली।

इस अवसर पर कमिटी ने यह भी निर्णय लिया कि अगले वर्ष से हर साल सप्तमी के दिन दिवंगत रतन टाटा की स्मृति में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाज कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को बढ़ावा देने की योजना पर विचार किया जाएगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।