Ranka Blast: बिना लाइसेंस पटाखा दुकान में आग, 5 की मौत से मचा हड़कंप!
गढ़वा के रंका में पटाखा दुकान में लगी भीषण आग, 5 की मौत! बिना लाइसेंस दुकान चलाने से हुआ हादसा, सीएम ने दिए जांच के आदेश। पढ़ें पूरी खबर।

गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले के रंका थाना क्षेत्र के गोदरमाना बाजार में सोमवार को एक पटाखे की दुकान में भीषण आग लगने से तीन नाबालिग समेत पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। दुकान में रखे पटाखे धधकते रहे और चारों तरफ धुएं के गुबार उठते रहे, लेकिन कोई भी आग पर काबू नहीं पा सका। दुकान के अंदर मौजूद सभी लोग आग में फंस गए और बाहर नहीं निकल सके। इस हादसे के पीछे एक छोटी-सी गलती ने कई जिंदगियां निगल ली।
कैसे लगी आग? चश्मदीदों ने बताई पूरी कहानी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पटाखा दुकान के मालिक कुश कुमार कुछ ग्राहकों को असली-नकली पटाखे की पहचान दिखाने के लिए पटाखा फोड़ रहे थे। लेकिन इसी दौरान एक चिंगारी दुकान में रखे अन्य पटाखों तक पहुंच गई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया।
लपटों के साथ धमाकों की गूंज बाजार में सुनाई देने लगी। आग इतनी तेजी से फैली कि दुकान के अंदर मौजूद सभी लोग बाहर नहीं निकल पाए। दमकल के पहुंचने से पहले ही पांच लोगों की मौत हो चुकी थी।
इन लोगों की गई जान
इस हादसे में जिन लोगों की जान गई, उनमें शामिल हैं:
- कुश कुमार (46 वर्ष) – दुकान के मालिक
- अजीत केसरी (32 वर्ष) – नौका गांव निवासी
- आयुष केसरी उर्फ नमन (10 वर्ष) – गोदरमाना निवासी
- पीयूष केसरी (8 वर्ष) – गोदरमाना निवासी
- सुशीला केरकेट्टा (17 वर्ष) – बरवाही गांव की रहने वाली
छत्तीसगढ़ से पहुंची दमकल, तब जाकर बुझी आग
आग इतनी भयानक थी कि झारखंड के दमकल विभाग को छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज से फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ी। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
बिना लाइसेंस चल रही थी दुकान, प्रशासन की लापरवाही उजागर!
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि दुकान का कोई लाइसेंस नहीं था। यह पटाखा दुकान गाइडलाइंस के खिलाफ भीड़भाड़ वाले इलाके में चलाई जा रही थी। रंका थाना प्रभारी अनिमेष शांतिकारी ने बताया कि बिना लाइसेंस पटाखे की बिक्री करना गैरकानूनी है, लेकिन फिर भी यहां सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर दुकान चलाई जा रही थी।
सीएम और राज्यपाल ने जताया दुख, जांच के आदेश
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने हादसे पर गहरा शोक जताया है। सीएम ने जिला प्रशासन को मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
क्या कहती है कानून व्यवस्था?
भारत में Explosives Act, 1884 के तहत पटाखा बेचने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। साथ ही घनी आबादी वाले इलाकों में पटाखा भंडारण पर रोक होती है। बावजूद इसके सुरक्षा मानकों की अनदेखी अक्सर ऐसे हादसों को जन्म देती है।
सबक: नियमों की अनदेखी कर बनी मौत की दुकान!
गढ़वा की यह घटना दिखाती है कि कैसे छोटी-सी लापरवाही बड़े हादसे में बदल सकती है। अगर सुरक्षा नियमों का पालन किया जाता और दुकान को लाइसेंस के दायरे में रखा जाता, तो शायद आज 5 जिंदगियां बच सकती थीं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे गैर-कानूनी पटाखा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों।
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