Operation Narcos Success: रांची स्टेशन पर ट्रैन के भीतर बिछा जाल, 7 लाख के गांजे के साथ तस्कर ढेर

रांची रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की फ्लाइंग टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर 'ऑपरेशन नार्कोस' चलाकर भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया है। ट्रेन की बोगी में छिपे तस्करों की चालाकी धरी की धरी रह गई और अब वे सलाखों के पीछे हैं। इस बड़ी कार्यवाही से नशे के बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है।

Dec 18, 2025 - 12:59
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Operation Narcos Success: रांची स्टेशन पर ट्रैन के भीतर बिछा जाल, 7 लाख के गांजे के साथ तस्कर ढेर
Operation Narcos Success: रांची स्टेशन पर ट्रैन के भीतर बिछा जाल, 7 लाख के गांजे के साथ तस्कर ढेर

रांची, 18 दिसंबर 2025 – राजधानी के प्रमुख रेलवे स्टेशन पर देर रात चले एक हाई-वोल्टेज अभियान ने नशे के सौदागरों के बीच हड़कंप मचा दिया है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और विशेष उड़न दस्ते ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए लगभग १४ किलोग्राम अवैध गांजा बरामद किया है। बरामद किए गए पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत ७ लाख रुपये आंकी जा रही है। इस सफलता ने प्रमाणित कर दिया है कि भारतीय रेल अब अपराधियों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं रही।

कोच S-3 में बिछाया गया चक्रव्यूह

कमांडेंट पवन कुमार के निर्देश पर चलाए गये 'ऑपरेशन नार्कोस' के तहत आरपीएफ की टीम देर रात सतर्क थी। जैसे ही ट्रेन संख्या १५०२७ रांची स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या १ पर आकर रुकी, आरपीएफ पोस्ट रांची और फ्लाइंग टीम ने सघन तलाशी शुरू की।

जांच के दौरान कोच संख्या S-3 में तीन संदिग्ध बैग दिखाई दिए, जिनके पास दो पुरुष और एक महिला अत्यंत घबराए हुए बैठे थे। जब आरपीएफ अधिकारियों ने उनसे बैग के भीतर रखे सामान के बारे में पूछा, तो वे लगातार बयान बदलने लगे। कड़ी पूछताछ में एक व्यक्ति टूट गया और उसने स्वीकार किया कि बैग के भीतर प्रतिबंधित मादक पदार्थ है।

भारतीय रेलवे और नशा विरोधी अभियान का इतिहास

रेलवे सुरक्षा बल का इतिहास सदैव यात्रियों की सुरक्षा और रेल संपत्ति की रक्षा से जुड़ा रहा है। किन्तु, पिछले एक दशक में आरपीएफ ने मादक पदार्थों की तस्करी रोकने में भी महारत हासिल की है। 'ऑपरेशन नार्कोस' की शुरुआत ही इसी उद्देश्य से की गई थी कि ट्रेनों के माध्यम से होने वाले नशे के कारोबार की कमर तोड़ी जा सके। रांची स्टेशन, जो झारखंड और पड़ोसी राज्यों के लिए एक प्रमुख जंक्शन है, अक्सर तस्करों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन आरपीएफ की आधुनिक जांच तकनीक अब उनके मंसूबों को विफल कर रही है।

वैज्ञानिक जांच और बरामदगी की पुष्टि

सहायक सुरक्षा आयुक्त अशोक कुमार सिंह को मामले की जानकारी देने के बाद, बरामद पदार्थ की जांच के लिए विशेष डीडी टेस्ट किट का उपयोग किया गया। जांच में पदार्थ के गांजा होने की पूर्ण पुष्टि हुई।

विवरण जानकारी
अभियान का नाम ऑपरेशन नार्कोस
कुल बरामदगी 14 किलोग्राम गांजा
अनुमानित कीमत 7 लाख रुपये
गिरफ्तार तस्कर 2 पुरुष, 1 महिला
ट्रेन संख्या 15027 (कोच S-3)

आरपीएफ ने तीनों आरोपियों को गांजे के साथ जीआरपी (राजकीय रेल पुलिस) के सुपुर्द कर दिया है, ताकि उन पर कठोर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सके।

तस्करी का नया पैटर्न और आरपीएफ की चुनौती

पकड़े गए तस्करों में महिला की मौजूदगी यह दर्शाती है कि अब अपराधिक सिंडिकेट पुलिस की नजरों से बचने के लिए पारिवारिक भेष का सहारा ले रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह खेप किसी बड़े शहर में सप्लाई की जानी थी। आरपीएफ अब उन मुख्य सरगनाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जो पर्दे के पीछे से इन गरीब कूरियरों का इस्तेमाल करते हैं।

रांची आरपीएफ ने आम जनता से भी अपील की है कि यात्रा के दौरान किसी भी लावारिस वस्तु अथवा संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत रेल मदद हेल्पलाइन पर दें। यह कार्यवाही नशे के खिलाफ जारी जंग में एक मील का पत्थर साबित होगी।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।