Ranchi Government Offices के बाहर लगाए जाएंगे मेधा डेयरी के बूथ, जानिए क्या है इसका उद्देश्य!
झारखंड में सरकारी कार्यालयों और स्कूलों के बाहर मेधा डेयरी बूथ लगाए जाएंगे। शिल्पी नेहा तिर्की ने दी योजना को मंजूरी। जानिए इस पहल के बारे में।
रांची: झारखंड सरकार अब सरकारी कार्यालयों के बाहर मेधा डेयरी के बूथ लगाने की योजना बना रही है। इस कदम का उद्देश्य राज्य में मेधा डेयरी के उत्पादों को बढ़ावा देना और उसका प्रचार करना है। कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है और सरकार से उचित स्थल के लिए पत्राचार करेगा। इस पहल के तहत, स्कूलों और शहरी क्षेत्रों में अस्थाई बूथ खोले जाएंगे, ताकि मेधा डेयरी के उत्पाद आसानी से लोगों तक पहुंच सकें।
शिल्पी नेहा तिर्की का ऐतिहासिक निर्णय
पशुपालन निदेशालय की समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने इस योजना को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मेधा डेयरी के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया और इसके लिए विभाग को शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के बाहर अस्थाई बूथ खोलने का निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चे मेधा डेयरी के उत्पादों का प्रचार करने का सबसे सशक्त माध्यम हो सकते हैं, क्योंकि बच्चे अपने परिवारों में इन उत्पादों की जानकारी देंगे। इस पहल से न केवल मेधा डेयरी को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद भी अधिक लोगों तक पहुंचेंगे।
सरकारी कार्यालयों के बाहर मेधा डेयरी के बूथ
सरकारी कार्यालयों के बाहर मेधा डेयरी के बूथ लगने से विभाग को कई लाभ होने की संभावना है। इसके माध्यम से सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों तक मेधा डेयरी के उत्पाद जैसे दूध, दही, घी, और पनीर आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही, विभाग इन बूथों के माध्यम से उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यक्रम भी आयोजित करेगा। इससे आम जनता के बीच मेधा डेयरी के उत्पादों के बारे में जागरूकता फैल सकेगी।
मांडर, चान्हो, बेड़ो में भी लगेगा बूथ
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर, चान्हो और बेड़ो प्रखंडों में भी मेधा डेयरी के बूथ खोलने का निर्देश दिया। इस कदम से इन क्षेत्रों में भी मेधा डेयरी के उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी और ग्रामीण इलाकों में उत्पादों के प्रचार-प्रसार में मदद मिलेगी।
झारखंड में डेयरी प्लांट के लिए नया स्थल चयन
समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने जमशेदपुर के बजाय सरायकेला-खरसांवा जिले में डेयरी प्लांट के लिए स्थल चयन करने का निर्देश भी दिया। इस नए डेयरी प्लांट से क्षेत्रीय डेयरी उत्पादों की आपूर्ति में वृद्धि होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
फॉर्मर ट्रेनिंग सेंटर को आवासीय बनाने की योजना
इसके अलावा, कृषि मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा संचालित फार्मर ट्रेनिंग सेंटर को आवासीय बनाने की योजना बनाई जाए, ताकि इन सेंटरों पर 200 से 300 किसानों को आवासीय ट्रेनिंग दी जा सके। इस कदम से किसानों को डेयरी उत्पादन और पशुपालन के क्षेत्र में नई तकनीकों और तरीकों की जानकारी मिल सकेगी।
गो सेवा आयोग के साथ कार्यशाला का आयोजन
मंत्री ने यह भी निर्णय लिया कि गो सेवा आयोग के साथ एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें गोपालकों को नए उपायों और गोपालन के फायदे के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे राज्य में गोपालन को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को नया दिशा मिलेगी।
डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटी का गठन
अंत में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने यह सुझाव दिया कि झारखंड में डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटी का गठन किया जाए। यह सोसाइटी ग्रामीण स्तर पर लोगों को जोड़ने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और राज्य के डेयरी सेक्टर को मजबूती देने के लिए अहम कदम साबित होगा।
झारखंड सरकार की यह पहल मेधा डेयरी के प्रचार और प्रसार को एक नई दिशा देगी। यह न केवल डेयरी उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाएगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। शिल्पी नेहा तिर्की के नेतृत्व में उठाए गए इन कदमों से राज्य के कृषि और पशुपालन क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
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