Ranchi Rowdyism: रंगदारी नहीं मिली तो दुकानदार पर जानलेवा हमला! डोरंडा में सुडू अंसारी ने फ्री खैनी न देने पर लोहे के डंडे से फोड़ा सिर
रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र में रंगदारी न देने पर दुकानदार दयानंद कुमार यादव पर सुडू अंसारी और दो अज्ञात साथियों ने जानलेवा हमला किया। रोजाना मुफ्त खैनी न देने पर हुई इस क्रूर मारपीट में दुकानदार गंभीर रूप से घायल हो गया है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर छापेमारी शुरू कर दी है।
झारखंड की राजधानी रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र से गुंडाराज की एक ऐसी सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसने छोटे व्यापारियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महज रोजाना की 'रंगदारी'—यानी मुफ्त में खैनी—नहीं देने पर कुछ दबंग युवकों ने एक दुकानदार पर जानलेवा हमला कर दिया। यह क्रूरता दिखाती है कि कुछ अपराधियों के लिए कानून का डर पूरी तरह समाप्त हो चुका है।
डोरंडा के भवानीपुर निवासी दुकानदार दयानंद कुमार यादव पर हुए इस हमले के संबंध में उन्होंने डोरंडा थाना में सुडू अंसारी नामक एक नामजद और दो अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
मुफ्त खैनी बनी सिर फोड़ने का कारण
दुकानदार दयानंद कुमार यादव के अनुसार, यह हमला 6 अक्टूबर की रात करीब 8:30 बजे हुआ। आपराधिक मानसिकता वाले आरोपी रोजाना दुकान पर आकर मुफ्त में खैनी लेने के आदी थे, जिसे बंद करने पर उन्होंने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।
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विवाद की शुरुआत: दयानंद ने जब सुडू अंसारी और उनके दो सहयोगियों को बिना मूल्य खैनी देने से मना किया, तो तीनों आरोपियों ने उन्हें अश्लील गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।
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जानलेवा वार: इसके बाद सुडू अंसारी ने हिंसा की शुरुआत की और लोहे के सामान, डंडे और बेल्ट से दयानंद के सिर पर वार कर दिया। वार इतना गंभीर था कि दयानंद के सिर से काफी खून बहने लगा और वह गिर पड़े।
आरोपी के दो अन्य साथियों ने भी दयानंद को बेरहमी से लात-घूंसे और बेल्ट से पीटा, जिससे उनके शरीर के कई हिस्सों में सूजन और गंभीर चोटें आईं। हमलावर घटना को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गए।
दहशत का माहौल: पुलिस की त्वरित कार्रवाई
स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर किसी तरह घायल दयानंद को बचाया और पास के चिकित्सक के पास इलाज के लिए पहुंचाया। हमले से दयानंद शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी गहरे आघात में हैं।
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जान का खतरा: एफआईआर के अनुसार, दयानंद और उनके परिवार को अब सुडू अंसारी और उनके सहयोगियों से जान का गंभीर खतरा बना हुआ है।
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पुलिस जांच: डोरंडा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस कांड की जांच की जिम्मेदारी सहायक अवर निरीक्षक नंद किशोर राम को सौंपी गई है। पुलिस फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तेजी से छापेमारी कर रही है।
इस तरह की रंगदारी और सरेआम हमले शहर की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। यह जरूरी है कि पुलिस त्वरित कार्रवाई कर न केवल आरोपियों को गिरफ्तार करे, बल्कि ऐसे तत्वों को कड़ा संदेश दे जो छोटे दुकानदारों को परेशान करते हैं।
आपकी राय में, डोरंडा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में छोटे दुकानदारों को इस तरह की रंगदारी से बचाने के लिए पुलिस को कौन से दो विशिष्ट उपाय तत्काल लागू करने चाहिए?
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