जमशेदपुर में गिरती कानून व्यवस्था पर पूर्व डीआईजी का गंभीर सवाल: क्या है अपराधियों का राजनीतिक संरक्षण?
जमशेदपुर में लगातार बढ़ते अपराधों और गोलीबारी की घटनाओं पर पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने उठाए सवाल। उन्होंने कानून व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता जताई।
जमशेदपुर: 30 सितंबर 2024 को, शहर में गिरती कानून व्यवस्था और बढ़ती गोलीबारी की घटनाओं पर पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लगातार समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों पर अपराधियों द्वारा गोली चलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में मानगो में गणेश गिरोह के सदस्य विकास गुप्ता की हत्या कर दी गई थी।
राजीव रंजन सिंह, जो रिटायरमेंट के बाद से शहर में मुफ्त कानूनी सलाह केंद्र चला रहे हैं, ने कहा कि इस दौरान उन्होंने आम लोगों के साथ बातचीत की है। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों में गैंग वार की कई हत्याएं हुई हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "सितंबर के पहले सप्ताह में अमरनाथ के भाई शक्तिनाथ की हत्या हुई। अप्रैल में वसुंधरा एस्टेट के पास सन्नी यादव की गोली मारकर हत्या की गई थी। इसके अलावा, फरवरी में बैकुंठ नगर के निवासी राज सिंह की हत्या हुई।"
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं लगातार हो रही हैं और इससे शहर में भय का माहौल बना हुआ है। एक अपराधी यदि दूसरे को मारता है, तो उसका टीआरपी बढ़ता है और एक्सटोर्शन का रेट भी।
सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में उन्होंने कभी भी पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की कोई घटना नहीं सुनी, जिसमें अपराधी मारे गए हों या घायल हुए हों। उन्होंने बताया कि अधिकांश अपराध जमीन के व्यापार में संलिप्त होने के कारण हो रहे हैं।
इसके साथ ही, शहर में नशाखोरी, अड्डेबाजी और लड़कियों से छेड़खानी की घटनाओं की भी लगातार सूचनाएं मिलती रहती हैं। उन्होंने कहा, "पुलिस का जो डर होना चाहिए था, वह कहीं नजर नहीं आ रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधियों का राजनीतिक संरक्षण है।"
राजीव रंजन सिंह ने यह भी याद दिलाया कि 2003 से 2006 के बीच पुलिस के कार्यकाल के दौरान अपराधियों में एक दहशत का माहौल था। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि अपराधियों के मन में पुलिस का डर हो और आम जनता के मन में पुलिस के प्रति विश्वास और प्रेम हो।
उन्होंने कानून व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
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