प्रधानमंत्री से त्वरित न्याय और गरीबों के पैसे की वापसी की मांग – सहारा, रोज वैली, और राजकॉम के मामले पर जल्द फैसला चाहिए!

पूर्व मीडिया प्रभारी भाजयुमो जमशेदपुर महानगर अमर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गरीब जनता के लिए त्वरित न्याय और सहारा, रोज वैली, और राजकॉम जैसी कंपनियों में फंसे पैसे की वापसी की मांग की। न्याय व्यवस्था में सुधार और गरीबों के हितों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने पर जोर।

Sep 14, 2024 - 18:07
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प्रधानमंत्री से त्वरित न्याय और गरीबों के पैसे की वापसी की मांग – सहारा, रोज वैली, और राजकॉम के मामले पर जल्द फैसला चाहिए!
प्रधानमंत्री और पूर्व मीडिया प्रभारी भाजयुमो जमशेदपुर महानगर अमर सिंह

झारखंड के जमशेदपुर में भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर हार्दिक स्वागत किया गया। इस अवसर पर पूर्व मिडिया प्रभारी भाजयुमो जमशेदपुर महानगर, अमर सिंह ने प्रधानमंत्री से विशेष अपील की। उन्होंने देश के गरीब और पीड़ित लोगों के लिए त्वरित न्याय की मांग की और सहारा, रोज वैली, राजकॉम जैसी कंपनियों में फंसे गरीबों के पैसे की वापसी की पहल की गुजारिश की।

अमर सिंह ने प्रधानमंत्री का ध्यान देश की न्याय व्यवस्था की ओर खींचा। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में, 21वीं सदी के विकसित भारत में भी लोगों को न्याय के लिए अदालतों में भटकना पड़ रहा है। हालत यह हो चुकी है कि कई मामलों में 40 साल तक मुकदमे चलते रहते हैं। अदालतों में "तारीख पे तारीख" की संस्कृति हावी हो चुकी है, जिससे गरीब और कमजोर वर्ग के लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं।

सिंह ने चिंता व्यक्त की कि कई हत्या के मामलों में, दोषी सबूतों और गवाहों की कमी के कारण बरी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि 20 साल तक गवाह और सबूत मिल पाना कठिन हो जाता है। जब तक गवाह आते हैं, तब तक या तो उनकी मृत्यु हो जाती है या सबूत नष्ट हो जाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि असल अपराधी बरी हो जाते हैं और मरने वाले के परिवार को न्याय नहीं मिल पाता। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर हत्या हुई है, तो असल में मारा किसने?

भूमि विवादों का जिक्र करते हुए, अमर सिंह ने कहा कि कई लोग अपनी जमीन के विवाद को अदालत में लाते हैं, लेकिन अदालतों में फैसले आने में 20-20 साल लग जाते हैं। इस देरी के कारण जिनकी जमीन होती है, वे दर-दर भटकते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति सुधार की मांग करती है, लेकिन सवाल उठता है कि सुधार की जिम्मेदारी किसकी है? न्यायधीशों और अदालतों को मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित फैसले देने चाहिए।

उन्होंने कहा कि गरीब जनता के पास जमीन या घर किराए पर देने के लिए एग्रीमेंट करना तो आसान है, लेकिन अगर किराएदार घर खाली नहीं करता, तो मकान मालिक को भी वर्षों तक अदालतों के चक्कर काटने पड़ते हैं। यह स्थिति न्याय व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है।

अमर सिंह ने बलात्कार के मामलों का भी उल्लेख किया और कहा कि कई पीड़ित परिवारों को वर्षों तक न्याय नहीं मिल पाता। यह स्थिति समाज के लिए घातक है और न्याय व्यवस्था को सुधारने की तुरंत जरूरत है। खासतौर पर गरीब परिवारों के लिए, जिन्हें अदालतों में बार-बार तारीखों पर जाना पड़ता है और जिनकी सुनवाई की प्रक्रिया बहुत लंबी हो जाती है।

सहारा, रोज वैली, और राजकॉम जैसी कंपनियों में गरीब जनता का पैसा फंसा हुआ है। अमर सिंह ने कहा कि गरीब लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई, मजदूरी का पैसा और अपनी बेटियों की शादी के लिए जोड़-तोड़कर जमा की हुई रकम इन कंपनियों में निवेश की थी। अब जब ये कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं या घोटाले में फंस चुकी हैं, तो इन गरीब लोगों के सपने टूट चुके हैं। कई लोग भूख से तड़प रहे हैं और कुछ ने तो आत्महत्या तक कर ली है।

अमर सिंह ने प्रधानमंत्री से यह अपील की कि वे न्यायिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़े कदम उठाएं और गरीब जनता को इन घोटालेबाज कंपनियों से उनका पैसा वापस दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जब तक गरीबों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक "विकसित भारत" की परिकल्पना अधूरी रहेगी। न्याय और शिक्षा के बिना समाज में सुधार संभव नहीं है।

उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि सहारा, रोज वैली, और राजकॉम जैसे घोटालेबाज कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और जिन गरीब लोगों का पैसा इन कंपनियों में फंसा हुआ है, उन्हें उनका पैसा जल्द से जल्द वापस मिले।

अमर सिंह ने जमशेदपुर की धरती से प्रधानमंत्री को झारखंड की जनता की समस्याओं से अवगत कराया और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।