Prayagraj Adani ISKCON Collaboratio : अदाणी-इस्कॉन का महाप्रसाद, सेहत और स्वाद का अद्भुत संगम!
अदाणी और इस्कॉन के महाप्रसाद में स्वाद और सेहत का जबरदस्त मिश्रण, जानें कैसे 1 लाख लोगों को रोजाना मिलता है स्वादिष्ट और पोषक प्रसाद!
Prayagraj, January 2025: प्रयागराज में मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। जहां एक ओर श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक खास जगह पर लोग स्वादिष्ट और सेहत से भरपूर महाप्रसाद का आनंद ले रहे हैं। यह महाप्रसाद अदाणी और इस्कॉन द्वारा मिलकर तैयार किया जा रहा है, जो प्रतिदिन 1 लाख से ज्यादा लोगों के लिए वितरित किया जा रहा है। कुंभ मेला क्षेत्र में स्थित इस्कॉन की 3 रसोई से तैयार इस महाप्रसाद को 40 से अधिक स्थानों पर वितरित किया जाता है। लेकिन क्या है इस प्रसाद में ऐसा खास जो इसे हर दिन खाने वाले श्रद्धालु इसकी तारीफ करते नहीं थकते?
स्वाद और सेहत का जबरदस्त मिश्रण
महाप्रसाद का स्वादिष्ट और सेहतमंद होना कोई इत्तेफाक नहीं है। इस्कॉन की रसोई में सुबह के प्रसाद की तैयारी रात 2 बजे से शुरू हो जाती है। सबसे पहले ताजे सब्जियां खरीदी जाती हैं, जो स्थानीय दुकानदारों से ली जाती हैं। करीब 500 कुंटल सब्जी रोज़ खरीदी जाती है। इस प्रक्रिया में इस्कॉन के सेवक निखिल बताते हैं, "हम ताजे और स्वस्थ्य सब्जियों का उपयोग करते हैं, ताकि प्रसाद न केवल स्वादिष्ट, बल्कि सेहतमंद भी हो।"
महाप्रसाद की रसोई के निर्माण में भी खास ध्यान रखा गया है। यहां एलपीजी सिलेंडर के साथ-साथ मिट्टी के चूल्हे भी लगाए गए हैं, जिनमें गाय के गोबर से बने उपलों का उपयोग किया जाता है। इस तरीके से सब्जियों को धीमी आंच पर पकाया जाता है, जो न केवल स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि पोषक तत्वों को भी बरकरार रखता है।
पौष्टिकता और स्वाद का संतुलन
अदाणी-इस्कॉन के महाप्रसाद में स्वाद और पोषण का बेहतरीन संतुलन देखने को मिलता है। इस्कॉन प्रवक्ता दीन गोपाल दास जी बताते हैं, "हमारे यहां मैन्यू तैयार करने के लिए एक न्यूट्रिशनिस्ट की टीम है, जो स्वाद के साथ पोषण का भी ध्यान रखती है।" हर खुराक में विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स का सही संतुलन होता है। चावल को इस तरह से पकाया जाता है कि वह सुपाच्य रहे, जबकि दालें और सब्जियां पर्याप्त प्रोटीन और विटामिन प्रदान करती हैं। इसके अलावा, हलवा या लड्डू जैसी मिठाइयां भी प्रसाद का हिस्सा होती हैं, जो श्रद्धालुओं को संपूर्ण रस का अनुभव देती हैं।
भोजन की बर्बादी रोकने का खास इंतजाम
अदाणी-इस्कॉन ने महाप्रसाद की बर्बादी को रोकने के लिए भी एक खास व्यवस्था की है। वितरण के समय ध्यान रखा जाता है कि प्रसाद श्रद्धालु के पात्र में ठीक मात्रा में परोसा जाए, ताकि कोई भी दाना बर्बाद न हो। रसोई में बने प्रसाद को 40 से अधिक केंद्रों पर बांटा जाता है और फिर आवश्यकता के अनुसार अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों और जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यही है कि कोई भी श्रद्धालु भूखा न रह जाए।
अदाणी और इस्कॉन का संपूर्ण प्रयास
अदाणी समहू और इस्कॉन का यह महाप्रसाद वितरण एक बहुत ही व्यवस्थित और समर्पित प्रयास है। इन दोनों संस्थाओं ने मिलकर कुंभ मेला क्षेत्र में प्रतिदिन 1 लाख लोगों को प्रसाद देने का लक्ष्य रखा है। यह सेवा महाकुंभ मेला खत्म होने तक जारी रहेगी। इस महाप्रसाद की खास बात यह है कि यह न केवल श्रद्धालुओं को स्वादिष्ट भोजन प्रदान करता है, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के लाभ भी देता है।
अदाणी और इस्कॉन का महाप्रसाद न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र अनुभव है, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य और सेहत के लिए भी लाभकारी है। इसका स्वाद, पोषण और वितरण की व्यवस्था इस महाप्रसाद को खास बनाती है। यह सेवा और प्रयास न केवल कुंभ मेला के दौरान, बल्कि आने वाले समय में भी लोगों को बेहतर खानपान की दिशा में एक नई उम्मीद देगा।
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