Palamu Tragedy – मानसिक परेशानी के कारण कुएं में डूबकर युवक की हुई मौत!
पलामू जिले में मानसिक परेशानियों से जूझ रहे युवक की कुएं में डूबकर मौत! जानें पूरी घटना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत।
पलामू: पलामू जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक की मौत कुएं में डूबने से हो गई। यह घटना खजूरी पंचायत के नौडीहा गांव के पुरवारा टोला में हुई। घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और मृतक के परिवार का हाल बेहाल हो गया है।
कैसे हुई घटना?
मृतक जितेंद्र ठाकुर (22) बुधवार को अपने घर से थोड़ी दूरी पर स्थित कच्चे कुएं के पास नहाने गया था। जानकारी के मुताबिक, नहाने के दौरान वह डूब गया और उसकी मौत हो गई।
- गुरुवार को जब ग्रामीणों ने कुएं के पास कपड़े देखे, तो उन्होंने कुएं में झांका और कुएं में शव तैरता हुआ पाया।
- ग्रामीणों ने तुरंत छतरपुर थाना पुलिस को सूचना दी, और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बाहर निकाला।
जितेंद्र की पहचान और परिवार की स्थिति
मृतक की पहचान जितेंद्र ठाकुर (पिता: धनंजय ठाकुर) के रूप में हुई।
- जितेंद्र के पिता पुणे में मजदूरी का काम करते थे, और बेटे की इस दुखद मौत की खबर ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया।
- पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर भेज दिया और जांच शुरू कर दी।
मानसिक परेशानी के कारण हुई यह घटना!
मृतक के चाचा उदय ठाकुर ने बताया कि जितेंद्र पिछले कुछ दिनों से मानसिक परेशानी का सामना कर रहा था।
- वह काफी तनाव में था और गांव में ही रहता था।
- बुधवार को वह अचानक घर से कहीं चला गया, और शाम तक घर वापस नहीं लौटा।
- परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।
- गुरुवार सुबह कुएं के पास कपड़े पड़े हुए देखे गए, जिससे परिजनों ने उसकी पहचान की और कुएं का पानी पंप मशीन से बाहर निकालकर शव को बाहर निकाला।
घटना के बाद गांव में शोक का माहौल
यह घटना गांव में बहुत ही दुखद और संवेदनशील रही।
- जितेंद्र के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
- गांव के लोग और परिजन इस दुर्घटना को विश्वास नहीं कर पा रहे, क्योंकि जितेंद्र एक सरल और शांत स्वभाव का युवक था।
अब आगे क्या?
- पुलिस मामले की जांच कर रही है, और यह भी देखा जा रहा है कि कहीं कोई साजिश तो नहीं थी, या यह एक दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या का मामला था।
- परिजनों और गांववालों का कहना है कि जितेंद्र मानसिक रूप से परेशान था, और शायद इसी वजह से उसने यह कदम उठाया।
- मनोरोग और मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों को मदद और सहारे की जरूरत है, जिससे ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को फिर से उजागर करती है, और हमें यह समझने की आवश्यकता है कि मानसिक परेशानियों को हल्के में न लें। जितेंद्र की इस दुखद मौत ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा और प्रयास करने होंगे ताकि लोग मानसिक समस्याओं का सामना अकेले न करें।
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