Palamu Scam: मंइयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 584 लोगों से सूद सहित होगी वसूली!
पलामू में हेमंत सरकार की मंइयां सम्मान योजना में बड़ा घोटाला उजागर हुआ। 584 फर्जी लाभुक पकड़े गए, जिनमें सरकारी कर्मचारी, पारा शिक्षक और आंगनबाड़ी सेविकाएं भी शामिल। जानें कैसे हुआ फर्जीवाड़ा और क्या होगी कार्रवाई।
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क्या सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं अब फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ रही हैं? झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की मंइयां सम्मान योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। पलामू जिले में 584 ऐसे फर्जी लाभुकों की पहचान की गई है, जिन्होंने इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठाया। चौंकाने वाली बात यह है कि इन फर्जी लाभुकों में पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविकाएं और सरकारी प्रतिष्ठानों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। अब सरकार ने इन सभी फर्जी लाभुकों से सूद सहित पैसे वसूलने का फैसला किया है।
क्या है मंइयां सम्मान योजना?
हेमंत सरकार द्वारा शुरू की गई मंइयां सम्मान योजना का उद्देश्य गरीब, असहाय और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना था। इसके तहत लाभुकों को सरकार से नियमित वित्तीय सहायता मिलती है। लेकिन इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता की शर्तें थीं, जिन्हें दरकिनार कर कई लोगों ने गलत तरीके से लाभ उठाया।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा उजागर?
पलामू प्रशासन द्वारा लाभुकों के सत्यापन का अभियान शुरू किया गया, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए। जिले में कुल 3,72,937 लाभुकों का सत्यापन किया जा रहा है। शुरुआती जांच में ही चार प्रखंडों से 584 फर्जी लाभुक पकड़े गए।
कहां कितने फर्जी लाभुक मिले?
मेदिनीनगर सदर प्रखंड: 189
सतबरवा: 170
लेस्लीगंज: 82
रामगढ़: 143
फर्जीवाड़े के अनोखे तरीके!
50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी योजना का लाभ ले रहे थे।
पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविकाएं और सरकारी प्रतिष्ठानों से जुड़े लोग भी इस योजना के लाभुक बन गए।
ढाई हजार से ज्यादा लोगों ने दो अलग-अलग खातों से योजना का लाभ लेने की कोशिश की, लेकिन जांच में पकड़ में आ गए।
यह खुलासा इस ओर इशारा करता है कि योजना के तहत लाभुकों का सही तरीके से सत्यापन नहीं किया गया था और कई लोगों ने इसका अनुचित लाभ उठाया।
अब क्या होगी कार्रवाई?
सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक विक्रम आनंद ने साफ किया है कि फर्जी लाभुकों से सूद सहित पैसे की वसूली की जाएगी। उन्होंने कहा,
"हम पूरी जांच कर रहे हैं, और यह सुनिश्चित करेंगे कि योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले, जो इसके हकदार हैं।"
सरकार अब उन सभी फर्जी लाभुकों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है, जिन्होंने इस योजना का गलत फायदा उठाया।
इतिहास में झांकें: सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े के मामले
यह पहला मौका नहीं है जब सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा सामने आया हो। इससे पहले प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में भी फर्जी लाभुकों के नाम पर करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। अब सवाल यह उठता है कि सरकार कब तक इन योजनाओं में हो रहे घोटालों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी?
आगे क्या?
पलामू जिले के सभी 21 प्रखंडों में जांच तेज कर दी गई है।
अन्य जिलों में भी इसी तरह का सत्यापन अभियान चलाया जा सकता है।
फर्जी लाभुकों को कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।
फर्जीवाड़ा रोकना जरूरी!
सरकार गरीबों के लिए योजनाएं बनाती है, लेकिन जब इन योजनाओं का गलत इस्तेमाल होता है, तो सबसे ज्यादा नुकसान उन्हीं गरीबों को होता है, जिनके लिए यह बनाई गई थी। इस तरह के फर्जीवाड़े सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हैं।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इन फर्जी लाभुकों से पैसे वसूलने के बाद क्या कदम उठाता है? क्या यह घोटाला सिर्फ पलामू तक सीमित है या झारखंड के अन्य जिलों में भी यही हाल है? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिल सकते हैं!
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