Palamu News: गैंगवार हत्याकांड में गिरफ्तार निशि पांडे और भाई निशांत सिंह को रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेजा
पलामू के गैंगवार मामले में गिरफ्तार निशि पांडे और उनके भाई निशांत सिंह की रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया। जानिए इस हत्या कांड की पूरी कहानी।
पलामू में हुई गैंगवार हत्याकांड ने एक बार फिर पुलिस की पकड़ और अपराध की गहरी साजिश को उजागर किया है। निशि पांडे और उनके भाई निशांत सिंह की रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने दोनों को पलामू सेंट्रल जेल भेज दिया है। इन दोनों को पिछले पांच दिनों तक एसआईटी द्वारा गहन पूछताछ की गई थी।
क्या था गैंगवार हत्याकांड का असली कारण?
यह मामला 5 जनवरी का है, जब पलामू के चैनपुर स्थित गरदा गांव में पांडेय गिरोह से जुड़े भरत पांडेय और दीपक साव की हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक, दोनों को घर में घुसकर गोली मारी गई। इस हत्या की घटना ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी थी और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसआईटी का गठन किया।
क्या खुलासा हुआ एसआईटी की पूछताछ में?
पुलिस ने एसआईटी का गठन कर इस मामले की तहकीकात शुरू की और 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इन 11 आरोपियों के नाम सामने आते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि यह हत्या पांडेय गिरोह और दीपक साव के बीच चल रहे गैंगवार का हिस्सा थी। निशि पांडे और उनके भाई निशांत सिंह को रामगढ़ से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि गैंगवार के चलते दोनों के रिश्ते पंक्तियों के बीच संघर्ष का शिकार हो गए थे।
गिरफ्तारी के बाद की कार्रवाई
गिरफ्तारी के बाद, निशि पांडे और निशांत सिंह से एसआईटी ने पांच दिन तक पूछताछ की। इस दौरान पुलिस ने उनकी भूमिका और गैंगवार में उनके कनेक्शन के बारे में जानकारी हासिल की। अब रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने उन्हें पलामू सेंट्रल जेल भेज दिया है।
एसआईटी के अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी लगातार मामले में झूठ बोलते रहे, लेकिन पुलिस की कड़ी पूछताछ ने उन्हें सच्चाई उगलने पर मजबूर कर दिया। दोनों आरोपियों को जेल भेजे जाने के बाद पुलिस मामले की अगली जांच कर रही है।
पांडेय गिरोह का इतिहास और गैंगवार की गंभीरता
पांडेय गिरोह पलामू जिले में काफी समय से सक्रिय है और इलाके में उनकी पकड़ बहुत मजबूत बताई जाती है। इस गिरोह के सदस्य अक्सर स्ट्राइक करने और विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए हत्या और हिंसा का सहारा लेते हैं। इस गिरोह का इतिहास कई गैंगवार और हत्याओं से जुड़ा हुआ है।
गैंगवार के इन मामलों को सुलझाने में पुलिस की कड़ी मेहनत और समय पर कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है। हालांकि, ऐसे मामले पुलिस की त्वरित कार्रवाई की मांग करते हैं, ताकि आरोपी अपने साजिशों में सफल न हो सकें।
आगे की रणनीति और पुलिस की कार्रवाई
अब पुलिस निशि पांडे और निशांत सिंह से जेल में पूछताछ करेगी, ताकि गैंगवार से जुड़ी और भी जानकारी मिल सके। पुलिस का कहना है कि इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर इलाके में शांति बनी हुई है, और लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि सभी आरोपियों को सजा मिलेगी और गैंगवार की साजिशें पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी।
पलामू के गैंगवार हत्याकांड ने यह साबित किया कि संगठित अपराध और गैंगवार के मामलों में पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। एसआईटी की त्वरित कार्रवाई ने इस मामले को सुलझा लिया और दो प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब पुलिस अपनी जांच और कार्रवाई जारी रखेगी, ताकि इस गिरोह के बाकी सदस्यों को भी सलाखों के पीछे डाला जा सके।
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