Agricultural Loss : हिसुआ में लगी आग, लाखों का धान जलकर राख – क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना थी?
नवादा जिले के हिसुआ में शार्ट सर्किट से लगी आग में लाखों रुपये की संपत्ति जलकर राख, जानिए हादसे का पूरा विवरण और पीड़ितों की शिकायत!
नवादा जिले में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब हिसुआ राजगीर रोड के पास पांचू देवी स्थान के समीप स्थित एक खलिहान में आग लग गई। यह आग शार्ट सर्किट के कारण लगी और देखते ही देखते लाखों रुपये का धान और नेवारी जलकर राख हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब परिवार के सभी सदस्य घर पर थे और आसपास के लोग काम में व्यस्त थे। आग की वजह से हुए नुकसान से परिवार को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है।
आग लगने की वजह – बिजली विभाग की लापरवाही या कुछ और?
पीड़ित परिवार के बड़े पुत्र सूरज कुमार ने बताया कि शनिवार की दोपहर तीन बजे के आसपास अचानक आग लगने की सूचना मिली। परिवार के सदस्य दौड़े और आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन जब तक लोगों ने किसी तरह से आग को काबू किया, तब तक सारा धान और नेवारी जल चुका था। सूरज कुमार ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण एक पोल का तार हवा से झूल रहा था और इस कारण चिंगारी लगने से आग फैल गई। इसने खलिहान में रखे धान और नेवारी के पुंज को अपनी चपेट में ले लिया।
लाखों रुपये का नुकसान – क्या होगी मुआवजे की व्यवस्था?
आग में जलकर राख हुए धान और नेवारी की कीमत लगभग एक लाख रुपये बताई जा रही है, जो परिवार के लिए एक बड़ी आर्थिक क्षति है। सूरज कुमार ने कहा कि इस हादसे के कारण परिवार को भारी नुकसान हुआ है और अब वह हिसुआ अंचल अधिकारी से आपदा राहत के तहत मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण इस तरह की घटना घटित हुई, और उन्होंने प्रशासन से जल्द ही राहत प्रदान करने की अपील की है।
क्या है शार्ट सर्किट की वास्तविक वजह?
यह घटना शार्ट सर्किट के कारण हुई थी, लेकिन इस शार्ट सर्किट का कारण बिजली के झूलते तार ही थे, जो अक्सर हवा के कारण आपस में टकरा जाते हैं। इससे पहले भी इस क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने हमेशा मामले को नजरअंदाज किया है। इस बार भी मामला बढ़ने से पहले कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, और अब इस घटना ने क्षेत्रीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है।
पीड़ित परिवार का दर्द – अब आगे क्या होगा?
यह घटना न केवल पीड़ित परिवार के लिए एक भारी धक्का है, बल्कि पूरे गांव में यह एक चेतावनी के रूप में सामने आई है। अगर बिजली विभाग की लापरवाही पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में और बढ़ सकती हैं। सूरज कुमार और उनका परिवार अब इस घटना को लेकर प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहा है।
क्षेत्रीय प्रशासन का कदम – क्या मिलेगा मुआवजा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस घटना के बाद सही कदम उठाएगा? क्या पीड़ित परिवार को जल्द ही मुआवजा मिलेगा? और क्या इस बार बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाए जाएंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिल सकते हैं, लेकिन फिलहाल गांव में इस घटना को लेकर दहशत और गुस्से का माहौल है।
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