Jamshedpur: Legal Aid से बदलेंगे हजारों मामलों का भविष्य, नेशनल लोक अदालत 14 दिसंबर को

जमशेदपुर में 14 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन होगा। जानिए कैसे डालसा मुफ्त कानूनी सहायता, मुआवजा, और थानों में लीगल वॉलंटियर्स की मदद से लोगों को न्याय दिलाने में जुटा है।

Nov 20, 2024 - 16:47
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Jamshedpur: Legal Aid से बदलेंगे हजारों मामलों का भविष्य, नेशनल लोक अदालत 14 दिसंबर को
Jamshedpur: Legal Aid से बदलेंगे हजारों मामलों का भविष्य, नेशनल लोक अदालत 14 दिसंबर को

जमशेदपुर: देशभर में 14 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन होने जा रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर सिविल कोर्ट और घाटशिला सिविल कोर्ट में भी इस विशेष अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक मामलों का निपटारा कर लोगों को त्वरित न्याय प्रदान करना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) के सचिव राजेंद्र प्रसाद ने बुधवार को न्याय सदन भवन में मीडियाकर्मियों को इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम की जानकारी दी।

नेशनल लोक अदालत का उद्देश्य और महत्व

नेशनल लोक अदालत का आयोजन भारतीय न्यायिक प्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सुलह योग्य मामलों का निपटारा करना और न्यायालय में लंबित मामलों का बोझ कम करना है। 1958 में लोक अदालत की शुरुआत हुई थी, लेकिन 1987 में इसे कानूनी दर्जा मिला। अब यह अदालतें देशभर में न्यायिक प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने का माध्यम बन चुकी हैं।

इस बार की नेशनल लोक अदालत में सिविल कोर्ट में लंबित सुलह योग्य मामलों के साथ-साथ प्री-लिटिगेशन (विवाद शुरू होने से पहले) से जुड़े केसों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

डालसा की अनूठी पहल

डालसा (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) का मुख्य उद्देश्य कानूनी सहायता को आम लोगों तक पहुंचाना है। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि डालसा निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति, दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को वकील से लेकर कोर्ट फीस तक की सुविधा निःशुल्क दी जाती है।

साथ ही, जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल (एलएडीसी) का गठन किया गया है, जिसमें 9 कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं। ये विशेषज्ञ कैदियों को त्वरित और प्रभावी कानूनी सहायता प्रदान करते हैं।

सड़क दुर्घटना और अन्य मामलों में मुआवजा

डालसा सड़क दुर्घटना पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा, यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़ित परिवारों को कानूनी सहायता और मुआवजा दिलाने का भी काम करता है। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि अब तक कई पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया गया है। उन्होंने बताया कि नेशनल लीगल सर्विस ऑथोरिटी ने 15100 टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिससे लोग शिकायत दर्ज कराने के साथ कानूनी सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं।

सभी थानों में पारा लीगल वॉलंटियर्स की तैनाती

जिले के सभी थानों में एक-एक पारा लीगल वॉलंटियर (पीएलवी) की नियुक्ति की गई है। ये वॉलंटियर्स सप्ताह में दो दिन थानों में बैठकर वहां आने वाले लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करेंगे। वे प्राथमिकी दर्ज कराने में मदद करेंगे और अपराध में फंसे लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देंगे।

लीगल लिटरेसी क्लब से छात्रों में जागरूकता

पूर्वी सिंहभूम जिले के अधिकांश विद्यालयों में लीगल लिटरेसी क्लब का गठन किया गया है। इन क्लबों का उद्देश्य छात्रों को उनके कानूनी अधिकार और कर्तव्यों से अवगत कराना है। इसके तहत छात्र न केवल अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होंगे, बल्कि समाज में कानून का पालन करने की जिम्मेदारी भी समझेंगे।

नेशनल लोक अदालत से जुड़ी उम्मीदें

राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि 14 दिसंबर को आयोजित नेशनल लोक अदालत में बैंक, वित्तीय संस्थान और अन्य विभागों के साथ मिलकर मामलों का निपटारा किया जाएगा। इसका लक्ष्य अधिक से अधिक मामलों को सुलझाकर लोगों को राहत प्रदान करना है।

डालसा का कानूनी जागरूकता अभियान

डालसा समय-समय पर कानूनी जागरूकता अभियान चलाता है, जिसमें आम लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताया जाता है। इन अभियानों के तहत सरकारी योजनाओं और कानूनी सहायता की जानकारी भी दी जाती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।