Nandurbar Crash: अस्तंबा देवी यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी पिकअप पलटी, गहरी खाई में जा गिरी गाड़ी, 8 की दर्दनाक मौत, 8 घायल
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में स्थित चांदशैली घाट पर एक बयंकर सड़क हादसा हुआ है। अस्तंबा देवी यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई और 8 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के शाहदा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के चांदशैली घाट पर शनिवार को सुबह एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसने क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी। अस्तंबा देवी के दर्शन कर खुशी-खुशी अपने गांव लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर सड़क के मोड़ पर गहरी खाई में जा पलटी। यह हादसा इतना भयावह था कि इसमें आठ लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि आठ अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
जानकारी के मुताबिक, पिकअप में सवार सभी लोग अस्तंबा देवी मंदिर से पूजा-अर्चना के बाद वापस आ रहे थे। हादसा घाट के एक तेज मोड़ पर हुआ, जहां चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया। नियंत्रण खोते ही पिकअप सीधी खाई में जा गिरी और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे के कारण क्षेत्र में चीख-पुकार मच गई और पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
भयावह हादसा: कइयों ने मौके पर तोड़ा दम
हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वाहन पलटने और खाई में गिरने के कारण श्रद्धालु वाहन से बाहर जा गिरे। कई दुर्भाग्यशाली यात्री पिकअप के नीचे दब गए, जिनमें से कुछ ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया।
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तत्काल बचाव: घटना की सूचना मिलते ही शाहदा पुलिस स्टेशन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को जल्द से जल्द बाहर निकालने का प्रयास किया।
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अस्पताल में भर्ती: आठ घायलों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, घायलों में से कई की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है, जिसके चलते मृतकों की संख्या बढ़ने की भी आशंका है।
तेज रफ़्तार और लापरवाही की जांच
पुलिस ने अब तक मृतकों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शाहदा पुलिस ने हादसे के सटीक कारणों की जांच भी शुरू कर दी है। शुरुआती जांच और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वाहन तेज गति में था। घाट के मोड़ पर ओवर-स्पीडिंग और ड्राइवर की लापरवाही के कारण संतुलन बिगड़ गया, जो इतने बड़े हादसे की वजह बना।
यह हादसा एक बार फिर से तीर्थ यात्राओं और पहाड़ी इलाकों में यातायात सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन के गंभीर नतीजों को दिखाता है। पिकअप वाहन में क्षमता से अधिक लोगों को बिठाना और पहाड़ी सड़कों पर तेज रफ़्तार से चलना अक्सर ऐसे दुखद हादसों को जन्म देता है। नंदुरबार प्रशासन के लिए यह घटना घाट क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक कड़ी चेतावनी है।
आपकी राय में, भारत में तीर्थ यात्राओं के दौरान पिकअप या मालवाहक वाहनों में यात्रियों को बिठाने पर पूरी तरह से रोक लगाने और हादसों को रोकने के लिए स्थानीय परिवहन विभाग और पुलिस को कौन से दो सबसे प्रभावी और सख्त कदम उठाने चाहिए?
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