मिथुन चक्रवर्ती को मिला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, बोले- अब शिकायत करना बंद कर दिया
डांसिंग सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह पुरस्कार दिया।
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर 2024 - डांसिंग सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मिथुन दा को यह सम्मान दिया।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मैं पहले भी तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुका हूं। पहली बार जब मुझे पुरस्कार मिला, तो सफलता मेरे सिर पर चढ़ गई थी। मैंने काले रंग के कारण बहुत अपमान सहा। मैं भगवान के सामने रोता था। फिर मैंने डांस करने का सोचा ताकि लोग मेरे रंग को न देख सकें, बल्कि मेरे थिरकते हुए पैरों को देखें। ऐसे ही मैं 'सेक्सी बंगाली बाबू' बन गया। आज यह पुरस्कार पाने के बाद मैंने शिकायत करना बंद कर दिया।"
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को कोलकाता में हुआ था। वह एक बंगाली हिंदू परिवार में जन्मे थे। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई एफटीआईआई, पुणे से पूरी की। मिथुन ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत मृणाल सेन द्वारा निर्देशित फिल्म 'मृगया' से की थी। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा पहचान फिल्म 'डिस्को डांसर' से मिली, जहां उनके अभिनय और डांस ने उन्हें 'डिस्को डांसर' के नाम से मशहूर किया।
अभिनय के साथ-साथ मिथुन ने राजनीति में भी कदम रखा। फिलहाल, वह भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हैं। उन्हें पद्म भूषण और पद्म श्री जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार उनके लिए चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है।
मिथुन चक्रवर्ती की इस उपलब्धि ने न केवल उनके फैंस को गर्वित किया है, बल्कि उन्हें फिर से इस इंडस्ट्री में पहचान दिलाई है। उनका यह पुरस्कार उनके संघर्ष और समर्पण को दर्शाता है। इस मौके पर मिथुन चक्रवर्ती ने सभी को प्रेरित किया है कि सफलता की राह में कभी हार नहीं माननी चाहिए।
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