एमजीएम अस्पताल में महिला की मौत पर भाजपा नेता ने उठाए गंभीर सवाल, एनएचआरसी जांच की मांग
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर से महिला की मौत पर भाजपा नेता राजीव रंजन सिंह ने गंभीर आरोप लगाए। पोस्टमॉर्टम वीडियोग्राफी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
जमशेदपुर, 8 सितंबर 2024 - जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर से चोट लगने के कारण एक महिला की मौत की घटना पर भाजपा नेता और पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं। रविवार को अपने सर्किट हाउस स्थित कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने इस घटना की निंदा की और सरकार से जांच की मांग की।
राजीव रंजन सिंह ने बताया कि सभी प्रमुख समाचार पत्रों में इस दुखद घटना को प्रमुखता से छापा गया है। उन्होंने कहा कि 6 सितंबर को एमजीएम अस्पताल में एक महिला की मौत ऑक्सीजन सिलेंडर गिरने से हुई, जिसके कारण उसके सिर पर गंभीर चोट आई। इस घटना में दो अन्य महिलाएं भी घायल हो गईं। उन्होंने बताया कि एक हफ्ते पहले भी एमजीएम अस्पताल में एक गर्भवती महिला को 27 घंटे तक फर्श पर पड़े रहने के कारण अपने बच्चे की मौत का सामना करना पड़ा था। इन दोनों घटनाओं को मानवता के लिए शर्मनाक बताते हुए राजीव रंजन सिंह ने कहा कि ये घटनाएं एमजीएम की कार्यप्रणाली और व्यवस्था की गंभीर समस्याओं को दर्शाती हैं।
सिंह ने आगे कहा कि घटना के बाद डॉक्टरों ने प्रेस में बयान दिया कि महिला की मौत अनेकों अंगों के खराब होने के कारण हुई। लेकिन, उन्होंने सवाल उठाया कि जब तक महिला का पोस्टमॉर्टम नहीं होगा और उसकी वीडियोग्राफी नहीं की जाएगी, तब तक मौत के कारण का सही पता कैसे चलेगा।
भाजपा नेता ने एनएचआरसी के गाइडलाइंस के अनुसार पोस्टमॉर्टम वीडियोग्राफी की मांग की और कहा कि यह मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में होना चाहिए। उन्होंने उपायुक्त और हॉस्पिटल प्रबंधक से 24 घंटे के भीतर जांच कराने की मांग की। यदि मौत का कारण ऑक्सीजन सिलेंडर से चोट पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
सिंह ने कहा कि एमजीएम अस्पताल गरीबों के लिए एकमात्र सरकारी अस्पताल है, और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का बयान कि जांच 72 घंटों में की जाएगी, इसे नाइंसाफी करार दिया। उन्होंने मांग की कि यदि महिला की मौत ऑक्सीजन सिलेंडर से चोट लगने के कारण हुई है, तो उसके परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए और दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
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