मैं कड़वा हूँ बातों में, तुम सीधी हो चाहत में - मनोज कुमार उत्तर प्रदेश
मैं कड़वा हूँ बातों में, तुम सीधी हो चाहत में - मनोज कुमार गोण्डा उत्तर प्रदेश
मैं कड़वा हूँ बातों में, तुम सीधी हो चाहत में
मेरी कड़वी बातों में
तेरी सीधी चाहत
मैं मिजाज़ के बड़े पक्के
तुम ठंडक- सी राहत
मैं खाली सड़क
तुम उस पर उड़ती रेत
इतनी चाहत हम दोनों में कैसे
एक म्यान में दो तलवार जैसे
साथ में धूप और छांव हो जैसे
मेरी रूह के मजार पर
तेरे साये के मजमें
मैं अकेला हूँ इस किरदार में
तुम आती जाती कहानी
लफ्जों की ...
मैं तेरी इक निशां
जो मुझसे रोज मिलने आती हो
- मनोज कुमार गोण्डा उत्तर प्रदेश
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